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उत्तरी पूर्व भारत के 14 युवाओं को गुजरात के औषधीय एवं सुगंधित पौधा अनुसंधान केंद्र में विशेष प्रशिक्षण

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जुबिन गर्ग की स्मृति में भारतीय किसान संघ का सराहनीय प्रयास

भारतीय किसान संघ, असम की पहल पर उत्तर-पूर्व के विभिन्न राज्यों से चुने गए 14 उत्साही युवा—युवतियों के लिए गुजरात के आनंद स्थित औषधीय एवं सुगंधित पौधा अनुसन्धान केंद्र (DMAPR) में पाँच दिवसीय विशेष आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन DMAPR, गुजरात एवं मणिपुर स्थित जैव संसाधन और सतत विकास संस्थान (IBSD) के सहयोग से किया गया।

प्रख्यात कलाकार प्राण के कलाकार जुबिन गर्ग की स्मृति और उनकी प्रेरणादायी सोच को ध्यान में रखते हुए इन युवाओं को प्रशिक्षित करने की विशेष पहल की गई। युवाओं की टोली ने 18 नवंबर को जुबिन गर्ग की जयंती के अवसर पर गुजरात के लिए प्रस्थान किया।
24 से 28 नवंबर 2025 तक चले इस प्रशिक्षण में उन्होंने औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती, प्रसंस्करण, तकनीक तथा सतत विकास से संबंधित 18 महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया।

पाँच दिवसीय प्रशिक्षण में शामिल प्रमुख विषय
  • औषधीय पौधों की कृषि एवं “मैपिंग बेस्ड फार्मिंग” की उपयोगिता
  • सुगंधित घास, तुलसी, जलवाक्षी, रजेला (मेस्का टेंगा), विथानिया आदि के वैज्ञानिक ढंग से खेती
  • केंटेला, कालमेघ, पालमरोसा जैसी फसलों से उच्च गुणवत्ता वाले एसेंशियल ऑइल उत्पादन की तकनीक
  • प्रसंस्करण एवं पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट
  • बायो-रिसोर्स आधारित सतत विकास और उद्यमिता की संभावनाएँ

इसके अतिरिक्त प्रशिक्षुओं को आनंद स्थित विश्व के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक सहकारी संगठन—अमूल परिसर का भी भ्रमण कराया गया।

जुबिन गर्ग ने अपने जीवनकाल में नाहर (लेमन ग्रास) समेत पूर्वोत्तर के कई पौधों के औषधीय एवं व्यावसायिक महत्व को लगातार मंचों पर उठाया था। उनकी प्रेरणा से ही उत्तर-पूर्व के जैव संसाधनों को सतत विकास, उद्यमिता और आर्थिक आत्मनिर्भरता के साधन के रूप में बढ़ावा देने का यह प्रयास किया गया है।

भारतीय किसान संघ ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग से लेकर मिजोरम, नागालैंड और असम के विभिन्न समुदायों से युवाओं का चयन किया। प्रशिक्षुओं ने कहा कि इस प्रशिक्षण ने उन्हें सुगंधित तेल और जैव-औषधि उत्पादन के क्षेत्र में नए दृष्टिकोण दिए हैं।

भारतीय किसान संघ का मानना है कि उत्तर-पूर्व की प्राकृतिक संपदा भविष्य की पीढ़ियों को आर्थिक स्वावलंबन, सतत विकास और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में मजबूत मार्ग दिखा सकती है। यही प्रयास कलाकार जुबिन गर्ग के सपनों के भारत के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।

1 दिसंबर 2025 को दिशपुर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस सम्मेलन में भारतीय किसान संघ, असम के संगठनात्मक सचिव कृष्णकांत बोरा ने विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में राज्य कोषाध्यक्ष विकास सिंहराज्य युवा प्रमुख जिन्टू कलिता एवं सभी प्रशिक्षुओं को ‘फूलाम गमछा’ द्वारा सम्मानित किया गया।

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