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दुमदुमा प्रेरणा भारती 05 अगस्त : जहां सरकार रेल स्टेशनों को क्या कल्प में विभिन्न योजनाओं को शुरुआत कर रही है वहीं
उतर पूर्वांचल में वर्षो से पूर्वांचल क्षेत्र विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया, गाजीपुर ,मऊ, बनारस के प्रवासी यहां निवास कर अपना जीवन यापन करते हैं यहां की संस्कृति एवं धरती अपने को मिल गए हैं , पर उन्हें अपने रिश्तेदार बनारस गाजीपुर, मऊ, बलिया, आजमगढ़ जाना हो तो मात्र बक्सर रूट या छपरा तक ट्रेन की सुविधा मिलती है। अगर बलिया गाजीपुर जाना हो तो मात्र सप्ताहिक एक ट्रेन तिनसुकिया अमृतसर एक्सप्रेस है जो कि टिकट के लिए मारामारी होती है। राजधानी ट्रेन में गरीब तथा मध्यवर्गीय व्यक्तियों के लिए सफर करना मुमकिन नहीं है। इस मार्ग पर ट्रेन सेवा नियमित रूप से बहाल करने के बार-बार आवेदन निवेदन सांसदों को करने के बाद भी आज तक इस पर कोई पहल नहीं की गई। इससे लोगों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। असम प्रांत के तिनसुकिया से सटे अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न जिले नागालैंड के सीमावर्ती क्षेत्र के जिले तिनसुकिया केंद्र बिंदु है। यहां से अपने गंतव्य स्थान को जाने का जरिया है। मीटर गेज लाइन के दौरान उस समय तिनसुकिया से बलिया गाजीपुर बनारस के रास्ते दिल्ली तक आवागमन कर रही असम मेल ट्रेन रोजाना चलती थी। आरोप लगाया जा रहा है कि राजनीति पार्टी में पैठ रखने वाले लोगों ने इस रूट से ब्रॉड गेज होने के बाद बक्सर पटना रूट में आवागमन को परिवर्तित कर दिया गया। इस विषय पर हिंदी भाषी संस्था द्वारा तवज्जों न दिए जाने के कारण मार्गो में सफर करने वाले यात्रियों में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है । इन यात्रियों के सुविधाओं के प्रति संज्ञान न लिए जाने के कारण मामला अधर पर लटका हुआ है । इस मुद्दे को कब तक सरकार समाधान करती है यह देखना दिलचस्प होगा।