दुमदुमा प्रेरणा भारती 26 मई: उत्तर पूर्वांचल में युगो युगो से पूर्वांचल उत्तर प्रदेश के बलिया गाजीपुर मऊ बनारस के प्रवासी यहां निवास कर अपना जीवन यापन करते हैं यहां की संस्कृति एवं धरती अपने को मिल गए हैं । पर अगर उन्हें अपने रिश्तेदार बनारस गाजीपुर मऊ बलिया आजमगढ़ जाना हो तो मात्र बक्सर रूट या छपरा तक ट्रेन की सुविधा मिलती है। अगर बलिया गाजीपुर जाना हो तो मात्र सप्ताहिक एक ट्रेन तिनसुकिया अमृतसर एक्सप्रेस है जोकि टिकट के लिए मारामारी होती है राजधानी जो कि गरीब तथा मध्यवर्गीय व्यक्तियों के लिए मुमकिन नहीं है, बार-बार आवेदन निवेदन सांसदों को करने के बाद भी आज तक इस पर कोई पहल नहीं की गई इससे लोगों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। असम प्रांत के तिनसुकिया से सटे अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न जिले नागालैंड के सीमावर्ती क्षेत्र के जिले तिनसुकिया केंद्र बिंदु है। यहां से अपने गंतव्य स्थान को जाने का जरिया है। मीटर गेज लाइन थी उस समय तिनसुकिया से बलिया गाजीपुर बनारस के रास्ते दिल्ली असम मेल ट्रेन रोजाना चलती थी। राजनीति पाटिया में पैठ रखने वाले लोगों ने इस रूट से ब्रॉड गेज होने के बाद बक्सर पटना रूट में ले गए। जो हिंदी भाषी संस्था है वह अभी अपने कामों में मस्त रहते हैं ना कि इन यात्रियों के बारे में कभी भी संज्ञान लेकर पहल नहीं की । इस मुद्दे को कब तक सरकार समाधान करती है देखना दिलचस्प होगा।





















