काली पूजा और दीपावली के अवसर पर पूरे उदारबंद क्षेत्र में उल्लास और उत्सव का माहौल देखने को मिला। सोमवार को नगर के विभिन्न इलाकों में भक्तिभाव और हर्षोल्लास के साथ मां काली की पूजा संपन्न हुई। सुबह से ही शहर के विभिन्न पूजा पंडालों को आकर्षक सजावट से सुसज्जित किया गया था, जो दर्शकों का ध्यान खींच रहे थे। घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानों को रंग-बिरंगी विद्युत झालरों से सजाया गया था, जिससे पूरा क्षेत्र रोशनी में नहाया दिखाई दे रहा था।
इस वर्ष सबसे आकर्षक पंडाल रहा कालिबाड़ी यंग बॉयज क्लब का, जिसका थीम था “नरलोक”। क्लब के अध्यक्ष विजय साहा और सचिव दीप देव ने बताया कि उनके पंडाल के अंदर प्रस्तुत दृश्यों से दर्शक रोमांचित हो उठेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे।
उधर स्वर्गद्वार उदारबंद में भी मां काली की भव्य आराधना का आयोजन हुआ। विद्युत तोरणों और मंदिर के अंदर की रंगीन रोशनी से वहां का वातावरण अलौकिक हो उठा। शाम ढलते ही चारों ओर झिलमिलाती रोशनी के बीच मधुरा नदी में चौदह पीढ़ियों की स्मृति में दीप प्रवाह का दृश्य अत्यंत मनमोहक बना।
उसी शाम शालगंगा स्वर्णतारा सार्वजनिक काली पूजा समिति के पंडाल का उद्घाटन और प्रतिमा अनावरण रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम संघ, शिलचर के पूजनीय स्वामी गुणातीतानंद जी महाराज ने किया। उद्घाटन से पूर्व समिति के कोषाध्यक्ष अभिषेक भट्टाचार्य ने बताया कि इस वर्ष उनकी प्रतिमा में आधुनिकता की झलक और कलात्मकता का समन्वय देखने को मिलेगा। दो दिन तक चलने वाले इस उत्सव में विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।
समारोह में अध्यक्ष शुभ्र नंदी, सलाहकार निर्मल दे, अजय आचार्य, संगीता पाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। स्वामी गुणातीतानंद जी ने अपने आशीर्वचन में देवी महात्म्य का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि मां की उपासना से विश्व के हृदय से अशुभ शक्तियों का नाश और शुभ शक्तियों का विकास होता है।
स्वर्गद्वार उदारबंद में इस अवसर पर लगभग डेढ़ सौ जरूरतमंदों के बीच वस्त्र वितरण किया गया। साथ ही आयोजित “राग” संस्था के संगीत कार्यक्रम में कलाकारों ने स्वर्गीय जनप्रिय गायक जुबिन गर्ग को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके प्रसिद्ध गीत “মায়াবিনী” (मायाबिनी) से कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जिससे पूरा वातावरण भावुक हो उठा।
पूजा समिति के सचिव और पूर्व जिला परिषद सदस्य सुमन चंद्र ने बताया कि रात दस बजे पूजा आरंभ होकर सुबह तक प्रसाद वितरण चलता रहा। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष काली पूजा और दीपावली शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। शोरगुल और असामाजिक तत्वों की गतिविधियाँ नगण्य रहीं। पुलिस प्रशासन विशेष रूप से सतर्क रहा — उदारबंद पुलिस अधिकारी एस.एस. तिमुंग स्वयं मोबाइल पेट्रोलिंग पर नजर रखे हुए थे।
समग्र रूप से, उधारबंद में काली पूजा और दीपावली का पर्व शांति, भक्ति और सौहार्द के वातावरण में संपन्न हुआ।





















