1 दिसंबर, शिलचर। रिपोर्ट– रानू दत्ता
2026 के विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, कछार जिले के बहुचर्चित उधारबंद विधानसभा क्षेत्र में टिकट को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। सत्ताधारी भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस—दोनों দল ही टिकट चयन को लेकर অভूतपूर्व प्रतिस्पर्धा का सामना করছে।
भाजपा में दावेदारों की लंबी कतार, तीन नाम सबसे आगे
उधारबंद सीट पर मौजूदा विधायक मिहिर कांति सोम के अलावा कई दिग्गज नेता टिकट की दौड़ में शामिल हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा की लंबी सूची में से मुख्य रूप से तीन नेताओं की प्रबल दावेदारी बन रही है—
- मिहिर कांति सोम (विधायक)
- सुरेंद्र प्रसाद सिंह
- नबरुण चक्रवर्ती (पूर्व मंडल अध्यक्ष)
दूसरे कार्यकाल के विधायक मिहिर कांति सोम क्षेत्र में लगातार विकास कार्यों की शुरुआत कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि यह कदम चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जिससे वे जनता और पार्टी नेतृत्व दोनों के बीच अपनी छवि को मजबूत कर रहे हैं।
इसी बीच वरिष्ठ नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह भी क्षेत्र में लगातार जनसंपर्क, घर–घर बैठक और कार्यकर्ताओं से संवाद के माध्यम से अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं।
वहीं नबरुण चक्रवर्ती भी शांत लेकिन प्रभावी ढंग से अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। वे विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों और सभाओं में सक्रिय रहकर पार्टी के भीतर अपनी स्वीकार्यता बढ़ा रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि नबरुण चक्रवर्ती भी टिकट की दौड़ में मजबूत स्थिति बना चुके हैं।
कांग्रेस में भी छह दावेदार, तीन चेहरे सबसे आगे
कांग्रेस की ओर से टिकट के प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं—
- संदीपन नंदी (ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष)
- तापस दास (पूर्व सरकारी अधिकारी)
- पल्लव सिंह यादव
इसके अलावा पूर्व मंत्री अजीत सिंह समेत कुछ अन्य नेता भी टिकट की रेस में हैं।
कांग्रेस के युवा नेता संदीपन नंदी और पल्लव सिंह यादव सोशल मीडिया और मैदानी स्तर पर प्रभावी जनसंपर्क कर रहे हैं। वहीं पूर्व अधिकारी तापस दास भी शांतिपूर्वक लेकिन लगातार प्रचार में जुटे हैं।
जनसंपर्क और जनाधार बनेगा टिकट चयन का आधार
विश्लेषकों का कहना है कि दोनों दल अपने उम्मीदवारों के चयन में जनसंपर्क, जनाधार और स्थानीय स्वीकार्यता को सबसे अधिक महत्व देंगे।
इन सभी मानकों पर भाजपा के मिहिर कांति सोम, सुरेंद्र प्रसाद सिंह और नबरुण चक्रवर्ती तथा कांग्रेस के संदीपन नंदी, तापस दास और पल्लव सिंह यादव का जनाधार क्षेत्र में सबसे मजबूत माना जा रहा है।
उधारबंद के लोगों के साथ इन छह नेताओं का ‘नाड़ी का संबंध’—यानी वर्षों पुराना सीधा जुड़ाव—इन्हें अन्य दावेदारों से आगे रखता है।
अब नजरें टिकी हैं शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर
हालांकि अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान ही करेगा। किसके हाथ में टिकट जाएगा—यह पूरी तरह पार्टी नेतृत्व की रणनीति और मूल्यांकन पर निर्भर करेगा।
उधारबंद जैसे प्रतिष्ठित विधानसभा क्षेत्र में दोनों दलों के भीतर टिकट की लड़ाई हर दिन और भी तीखी होती जा रही है।
जनता, कार्यकर्ताओं और राजनीतिक हलकों की एक ही प्रतीक्षा—
2026 के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस उधारबंद से किन चेहरों को मैदान में उतारेंगे?
इसका जवाब मिलेगा तभी जब पार्टी नेतृत्व अपनी अंतिम सूची जारी करेगा।
उधारबंद में चुनावी माहौल पहले ही गर्म हो चुका है और टिकट की इस रोचक लड़ाई पर अब पूरे प्रदेश की नजरें टिकी हैं।





















