काछार जिले के उधारबंद समष्टि अंतर्गत गौसाईपुर तृतीय खंड (4 माइल नदी किनारा क्षेत्र) पूरी तरह जलमग्न है। स्थानीय निवासियों ने मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि वे बीते कई दिनों से आधे भूखे-प्यासे, भारी जोखिम के बीच जीवन यापन कर रहे हैं। क्षेत्र में अब तक जलस्तर में कोई कमी नहीं आई है। कई परिवार बेघर होकर पास के ईएनडी बांध क्षेत्र में शरण लिए हुए हैं।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि भीषण बाढ़ के बावजूद क्षेत्र की नव निर्वाचित क्षेत्रीय पंचायत सदस्य नसीमा बेगम चौधरी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) अब तक बाढ़ प्रभावित इलाके में एक बार भी नहीं पहुंचीं। इसके चलते जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता को लेकर जनता में भारी नाराजगी है।
इस वर्ष की बाढ़ में गौसाईपुर तृतीय खंड का पी एंड डी बांध पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। ईएनडी बांध की समय पर मरम्मत नहीं होने से लगभग 900 परिवार आज भी जल के बीच फंसे हुए हैं। स्थिति इतनी विकट है कि स्थानीय नागरिक अपने घरों की मिट्टी काटकर खुद ही बांध की मरम्मत करने पर मजबूर हैं।
गांव के एक वरिष्ठ नागरिक ने बताया कि “भारत की आजादी के बाद से अब तक इस क्षेत्र की सड़कों की हालत जस की तस है। यही कारण है कि हर साल बाढ़ की मार झेलनी पड़ती है। इस बार भी चार-पांच दिन हो गए, गांव से पानी उतर ही नहीं रहा है।”
आज बाढ़ पीड़ितों ने मीडिया के माध्यम से असम के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. हेमंत विश्व शर्मा, उधारबंद के विधायक श्री मिहिर कांति दास और कछार जिला आयुक्त से अपील की कि वे अविलंब राहत सामग्री भिजवाएं और ईएनडी बांध की मरम्मत एवं पुनर्निर्माण की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
मौके पर मौजूद प्रमुख नागरिकों में रुखन उद्दीन लश्कर, अब्दुल नूर लश्कर, मुइन उद्दीन लश्कर समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
(प्रेरणा भारती दैनिक – विशेष प्रतिनिधि रिपोर्ट)





















