गुवाहाटी, 22 मई (हि.स.)। यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-स्वाधीन (उल्फा-स्व) ने पिछले माह पहृत किये गए ओएनजीसी के कर्मचारी रितुल सैकिया को रिहा कर दिया है। आज सुबह उग्रवादियों के कब्जे से मुक्त होने के बाद सैकिया ने करीब 7.10 बजे भारत की सीमा में प्रवेश किया। रिहा किए जाने की खबर मिलते ही रितुल के घर में खुशी का माहौल देखा जा रहा है।
शिवसागर जिला के लकुवा स्थित ओएनजीसी के कार्यालय से 21 अप्रैल को हथियारबंद उल्फा (स्व) उग्रवादियों ने रितुल सैकिया सहित तीन कर्मचारियों का अपहरण कर लिया था। दो लोगों को दूसरे दिन सेना और पुलिस के अभियान के दौरान नगालैंड के मोन जिला से सकुशल बरामद कर लिया गया था लेकिन रितुल को उल्फा (स्व) उग्रवादी अपने साथ ले जाने में सफल हो गए थे।
असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने 20 मई को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उल्फा (स्व) के स्वयंभू सेनाध्यक्ष परेश बरुवा से रितुल सैकिया को मानवता के आधार पर रिहा किए जाने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि रितुल के छोटे बच्चों को अगर परेश बरुवा भी देखें तो उनकी भी आंखों से पानी निकल जाएगा। मुख्यमंत्री के इस आह्वान के बाद परेश बरुवा ने कहा था कि 100 घंटे के भीतर रितुल सैकिया अपने घर सही सलामत पहुंच जाएगा।
पुलिस के अनुसार उल्फा (स्व) ने शनिवार को सुबह 07 बजे के आसपास नगालैंड के मोन जिलांतर्गत भारत म्यांमार मार्ग वाले क्षेत्र लंबा में उल्फा (स्व) ने रितुल सैकिया को मुक्त कर दिया। इसके बाद 07.10 पर रितुल ने
भारत में प्रवेश किया। सेना और पुलिस की एक टीम अपने साथ रितुल को लेकर नगालैंड लौट रही है। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा और रितुल सैकिया के परिवार वालों ने परेश बरुवा को धन्यवाद दिया है। इससे पहले भी उल्फा (स्व) ने अरुणाचल प्रदेश से एक निजी आयल कंपनी के दो कर्मचारियों का अपहरण किया था जिनकी रिहाई लगभग तीन महीने से अधिक समय के बाद हुई थी।