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मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के अवैध भूमि हड़पने को रोकने के सख्त आदेश की अवहेलना करते हुए, सरकारी स्कूल के शिक्षक बिलिलेंद्र सिन्हा, बिपिन सिन्हा और उनके गिरोह ने काबूगंज में भारतमाला रोड के दोनों ओर हरिप्रिया सिन्हा और कृष्णा सिन्हा नामक दो असहाय महिलाओं को विरासत में मिली जमीन पर जबरन कब्जा करना जारी रखा है। हरिप्रिया ने बताया कि 20 मार्च की रात वे लोग गिरोह के साथ भारतमाला रोड के किनारे जमीन पर पहुंचे और अवैध कब्जे के लिए मिट्टी डालना शुरू कर दिया। इस घटना की जानकारी मिलने पर हरिप्रिया सिन्हा के बेटे समेत गांव के कुछ लोग विरोध करने गए तो बिलिलेंद्र सिन्हा और उसके गिरोह के लोगों ने उनके साथ गाली-गलौज की और धारदार हथियार से हमला कर उन्हें भगा दिया। बाद में वे इस मामले में मामला दर्ज कराने के लिए धलाई पुलिस स्टेशन गए, लेकिन वहां के पुलिस अधिकारी मामला दर्ज करने में आनाकानी करने लगे, इस स्थिति में हरिप्रिया बीमार पड़ गई और उसकी मौत हो गई। सिन्हा के बेटे और गांव के कई अन्य लोग इस मामले पर चर्चा करने के लिए सीधे कछार के पुलिस अधीक्षक के पास गए और पुलिस अधीक्षक ने तुरंत समाधान के लिए सोनाई क्षेत्राधिकारी से बात की। बाद में, जब प्रंतोष सिन्हा के बेटे बिलिनंद्र सिन्हा से संपर्क किया गया, तो उन्होंने उन्हें बताया कि धलाई पुलिस स्टेशन और कछार पुलिस कुछ नहीं कर पाएगी, और धलाई पुलिस स्टेशन उनके पक्ष में है, हरि प्रिया सिन्हा की छोटी बहन कृष्णा सिन्हा के बेटे प्रंतोष सिन्हा ने बुधवार को मीडिया को बताया। उन्होंने यह भी कहा, “भले ही बिलिनंद्र सिन्हा एक सरकारी शिक्षक हैं, फिर भी वे असहाय लोगों की जमीन पर जबरन कब्जा कैसे कर सकते हैं?” निश्चित रूप से धलाई पुलिस थाना प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भू-माफिया बिलिनेन्द्र की मदद कर रहा है। हम असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा और कछार के जिला मजिस्ट्रेट से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि वे उचित जांच और उचित सुनवाई के माध्यम से उनकी सही जमीन वापस करें।