हाइलाकांदी जिले के निमाईचांदपुर भाग-2 क्षेत्र के लोग आज भी एक साल पुरानी बाढ़ की मार झेल रहे हैं। ताचला नदी पर बने बांध के टूटने से आई बाढ़ ने जहां कई गांवों को प्रभावित किया, वहीं नित्यानंदपुर और निमाईचांदपुर को जोड़ने वाली माटीजुरी मुख्य सड़क भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। दुर्भाग्यवश, एक साल बीत जाने के बावजूद भी इन सड़कों की मरम्मत नहीं हो सकी है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने अब तक इस ओर कोई गंभीर पहल नहीं की है। सड़कों की जर्जर हालत के कारण आवागमन पूरी तरह से प्रभावित है। छात्रों से लेकर मरीजों तक, सभी को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि एम्बुलेंस और अन्य वाहन भी इन रास्तों पर चलने को तैयार नहीं हैं।
ग्रामीणों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वयं चंदा इकट्ठा कर बांस का पुल बना लिया है, जिससे अस्थायी रूप से रास्ता पार किया जा सके। यह स्थिति सरकारी उपेक्षा को दर्शाती है।
बाढ़ के तत्काल बाद राज्य के जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था और आश्वासन दिया था कि बांध की मरम्मत के साथ ही सड़क की मरम्मत का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि, जहां तटबंध का निर्माण पूरा हो चुका है, वहीं सड़क निर्माण अब तक ठप पड़ा है।
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात का मौसम फिर से दरवाजे पर खड़ा है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो क्षेत्र फिर से जलभराव और आवागमन की समस्या से ग्रस्त हो जाएगा।
स्थानीय जनता ने हाइलाकांदी जिला प्रशासन और राज्य सरकार से अपील की है कि इस गंभीर समस्या पर तत्काल ध्यान देते हुए सड़कों की मरम्मत कराई जाए, जिससे हजारों लोगों को राहत मिल सके।





















