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पिछले तीन-चार सालो से भारतीय स्वाधीनता संग्राम के प्रथम शहीद मंगल पाण्डेय की मूर्ति स्थापना के प्रयास की खबरें स्थानीय पत्र-पत्रिकाओं में देखने को मिल रही है। समाजिक माध्यम एवं पत्र पत्रिकाओं से यह भी ज्ञात हुआ की शहीद मंगल पाण्डेय की मूर्ति स्थापना के लिए गठित समिति ने संबंधित विभाग से अनुमति के लिए ज्ञापन दी थी जिसे संवंधित विभाग ने सरकार को स्थानीय मांग पर विचार करने के लिए प्रेषित कर दिया था, तव से लेकर आज तक समिति द्वारा बार-बार सरकार को शहीद मंगल पाण्डेय की मूर्ति स्थापना हेतु अनुमति प्रदान करने के लिए ज्ञापन दिए जा रहे हैं | इस मुद्दे पर प्रमुख नागरिको एवं स्थानीय सांसद एवं विधायकों से भी सहयोग हेतु निवेदन किया गया लेकिन बड़ी पीड़ा होती हैं, यह देखकर की आजाद भारत में एक स्वाधीनता सेनानी के मूर्ति स्थापना के लिए इतने निवेदन करने पड़ रहे हैँ | बराक घाटी में कई स्वाधीनता सेनानीओ की मूर्ति स्थापित हुई है लेकिन शायद ही कभी इतने प्रयास की जरूरत पड़ी हो, फिर सवाल उठता हैं कि मंगल पाण्डेय की मूर्ति स्थापना के स्थानीय मांग पर सरकार द्वारा अनुमति प्रदान करने में इतनी देर क्यों? क्या इसके कोई राजनैतिक कारण है? कारण कुछ भी रहा हो एक स्वाधीन देश के आम नागरिक के तौर पर हम लज्जित है कि जिन्होंने देश के आजादी के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया हो उनकी मूर्ति स्थापना के लिए इतना संघर्षं करना पड़ रहा हैं। वह भी तब जब केन्द्र और राज्य में राष्ट्रवादी सरकार है |
पूर्णिमा चौहान
शिलचर