हिंदीभाषी समन्वय मंच एवं इसके सहयोगी संगठनो का एक प्रतिनिधिमंडल २० अप्रैल २०२३ ई. को काछार जिलाधिकारी के माध्यम से शिलचर नगर में तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) द्वारा उत्पादित प्राकृतिक गैस को पाइप के द्वारा आपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया था। जिसकी प्रतिलिपि संबंधित दूसरे मंत्रियो को भी प्रेषित किया गया था। इस संदर्भ में हिंदीभाषी समन्वय मंच के महासचिव दिलीप कुमार को प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेशानुसार श्रीकोणा स्थित ओएनजीसी कार्यालय के मानव संसाधन – कार्मिक संबंध विभाग के प्रभारी अधिकारी ने उत्तर लिखा है। उन्होंने लिखा कि ओएनजीसी के असम अराकान वलित पट्टी अन्वेषण परिसंपत्ति, शिलचर ने अक्तूबर २०२० ई. में असम गैस कंपनी निगम ( एजीसीएल ) के संग गैस आपूर्ति के लिए समझौता किया था। प्राकृतिक गैस आपूर्ति का परिमाण था अनुबंध के अनुसार १,२०,००० SCMD (प्रतिदिन मानक घनमीटर) जिसे एजीसीएल को लेना था ओएनजीसी के धनेहरी स्थित दक्षिण बाँसकांदी गैस संग्रह इकाई से। एजीसीएल अपनी संयुक्त उद्यम पूर्व भारती गैस प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से सोनाइ नगरपालिका क्षेत्र में घरेलू ग्राहको को पाइप के द्वारा गैस आपूर्ति कर रहा है। ओएनजीसी के लिए यह चिंता का विषय है कि एजीसीएल मात्र ४०० SCMD ही क्रय कर रही है जो उसके अनुबंध के मात्र 0•३ % है। यह प्रत्यक्ष रूप से ओएनजीसी के संचालन लागत को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम फुटकर रूप में उपभोक्ताओ को पाइप के द्वारा गैस विक्री के लिए अधिकृत नही है या वाहनो को सीएनजी देने के लिए भी असमर्थ है। उल्लिखित विभाग के पदाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने मंच की प्रशंसा की है, इस विषय हो उठाने के लिए जो हमारे देश के घरेलू प्राकृतिक गैस उपयोग से आर्थिक लाभ से जुड़ा हुआ है।





















