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एनआईटी की नियुक्ति प्रक्रिया में मास्टर रोल कर्मचारियों की प्राथमिकता दी जाए , अनियमितताओं की जांच हो-तपन धर

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शिलकुड़ी, 14 जुलाई।  एनआईटी सिलचर में हाल ही में टीचिंग नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए अ नियुक्ति प्रक्रिया हेतु विज्ञापन दिया गया है इस विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद ही मास्टर रोल कर्मचारी संस्था ने अपनी नौकरी स्थायीकरण करने के लिए अपनी मांग को बुलंद करते हुए आज एक पत्रकार वार्ता की। पत्रकार वार्ता में एनआईटी टीचर मास्टर रोल संस्था की तरफ से बताया गया कि सन 1995 मैं इंटरव्यू के माध्यम से लगभग 120 मास्टर रोल कर्मी सिलचर एनआईटी में कार्यरत हुए, पहले एनआइटी रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज था उस वक्त 120 लोगों में से इंटरव्यू के माध्यम से 22 लोगों के  स्थाई नियुक्ति हुई बाकी लोगों को कहा गया कि बाद में उन्हें स्थाई किया जाएगा। तब से आज तक उसी विश्वास के भरोसे मास्टर रोल कर्मी रह गए आज तक उनकी स्थाई नियुक्ति नहीं हुई। नौकरी स्थायीकरण करने के लिए गत 15 वर्ष से हम लगातार एनआईटी प्रबंधन के साथ लड़ाई करते आ रहे हैं। उपरोक्त बातें शुक्रवार को एनआईटी सिलचर संलग्न मधुबन होटल में एक आयोजित पत्रकार वार्ता में जानकारी देते हुए एनआईटी सिलचर के अस्थाई कर्मचारी संस्था के सभापति तपन धरने कही। उन्होंने कहा की विगत 15 वर्षों से हम अस्थाई यानी मास्टर रोल कर्मचारियों के हित के लिए लड़ाई करते आ रहे हैं। हम मास्टर रोल कर्मचारी एनआईटी सिलचर के बोर्ड ऑफ गवर्नर की बैठक के माध्यम से  इस विषय को उठाने के लिए निवेदन किए लेकिन एनआईटी प्रबंधन ने कभी हमारी विषय को महत्व नहीं दिया एक और प्रबंधन मास्टर रोल कर्मचारियों को नौकरी स्थाई भी नहीं करती है दूसरी और उन्हें प्रताड़ित करने के लिए बहुत से कदम उठाती रहती है। तपन धर ने कहा एनआईटी सिलचर के पास वैकेंसी है तभी तो  जब रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज था तब भी विज्ञापन दिए और स्थानीय लोगों ने आवेदन किया और उन्हें कॉल लेटर भी तत्कालीन प्रबंधन के तरफ से दिया गया था अभी कुछ लोगों के पास जो पुराना काल लेटर जो मिला था वह है कुछ लोगों को पास गायब भी हो गया है, जब एनआईटी प्रबंधन ने हमारी बात नहीं सुनी तो हम गुवाहाटी हाईकोर्ट का सहारा लिया गुवाहाटी हाईकोर्ट ने अपने राय में कहा है कि जब तक इन मास्टर रोल कर्मियों को स्थाई नहीं कर दिया जाता है तब तक कोई भी नियुक्ति नहीं किया जा सकता है, उन्होंने और कहा कि एनआईटी में कार्यरत जो मास्टर रोल कर्मचारी हैं उनको  स्थाई नौकरी ना हो एनआईटी सिलचर में इसके लिए एक दुष्ट चक्र काम कर रहा है उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में जो रजिस्ट्रार  है वह भी मास्टर रोल कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार कर करते हैं वह हमेशा उन लोगों के साथ में गलत व्यवहार करते है, तपन धर ने कहा एनआईटी कि वर्तमान रजिस्ट्रार के कार्यकाल में बहुत सारी अनियमितताएं हुई है इसकी भी जांच होनी चाहिए। वर्तमान की जो निदेशक आए हैं उनके विरुद्ध  हम लोग कुछ भी नहीं कहेंगे क्योंकि उन्हें यहां के बारे में मालूम नहीं है मगर कुछ दुष्ट लोग है उनके कानों को भर रहे हैं और यह गरीब लोगों को नौकरी नहीं देने के लिए काम कर रहे हैं। 5 वर्ष पहले जो निदेशक शिवाजी बंदोपाध्याय आए थे उन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए हम लोगों से सलाह परामर्श लिया था और उन्होंने कहा था कि हम नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति नहीं करेंगे लेकिन जो टीचिंग स्टाफ है उनकी नियुक्ति नहीं होने से शिक्षा व्यवस्था गड़बड़ा सकता है हम लोगों भी नहीं हम लोगों ने भी उन्हें धन्यवाद दिया था क्योंकि उन्होंने नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति नहीं की। तपन धरने और कहा कि वर्तमान में जो नियुक्ति प्रक्रिया हो रही है इसमें टीचिंग नॉन टीचिंग स्टाफ दोनों का हो रहा है लेकिन यह प्रक्रिया शुरू करने से पहले हमारी एसोसिएशन के साथ में प्रबंधन को बातचीत करनी चाहिए थी जो भी उन्होंने नहीं किया है मेरा अनुरोध है कि जो नॉन टीचिंग स्टाफ हमारे मास्टर रोल में काम कर रहे हैं उन को प्राथमिकता दी जाए और उन्होंने कहा कि एनआईटी के अंदर और भी सारे अनियमितताएं हो रही है जिसे टेंडर जो दिया जाता है वह टेंडर आपस में ही हो जाता है और दूसरी तरफ पर चीज की क्षेत्र में भी जो टेडर होता है उसका भी गाइडलाइन नहीं माना जाता है कुल मिलाकर यहां पर अनियमितताओं का पहाड़ है इसकी जांच पड़ताल होनी चाहिए। पत्रकार वार्ता में मस्टरोल संस्था के और भी कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।

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