एनआईटी शिलचर के मैदान में भव्य दीपोत्सव — एक लाख से अधिक दीपों से आलोकित हुआ पूरा परिसर
शिवकुमार, शिलचर | 19 अक्टूबर
दीपावली के पावन अवसर पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) शिलचर के विशाल मैदान में इस वर्ष का सबसे भव्य दीपोत्सव आयोजित किया गया। पूरे परिसर में एक लाख एक हजार एक सौ ग्यारह दीपों की पंक्तियाँ जलाकर विद्यार्थियों और शिक्षकों ने श्रद्धा, संस्कृति और राष्ट्रीय भावना का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।
जैसे ही दीप प्रज्वलन आरंभ हुआ, पूरा मैदान “जय श्री राम” के जयकारों से गूंज उठा। दीपों की सुव्यवस्थित कतारें मानो एक दिव्य आस्था चित्र बन गईं — जहाँ विश्वास, सौहार्द और भारतीय परंपरा की झिलमिलाहट एक साथ दमक रही थी।

कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक प्रोफेसर दिलीप कुमार वैद्य मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर उत्सव का शुभारंभ किया और उपस्थित जनसमूह को दीपावली की शुभकामनाएँ दीं।
प्रो. वैद्य ने अपने उद्बोधन में कहा, “दीपावली केवल रोशनी का त्योहार नहीं, बल्कि यह अंधकार पर सत्य, असत्य पर न्याय और मानवता की विजय का प्रतीक है। आज का यह दीपोत्सव हमारे सामूहिक एकता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।”

इस अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर एक भावनात्मक क्षण तब आया जब असम के लोकप्रिय गायक जुबिन गर्ग के आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। उनके प्रसिद्ध गीतों की धुनें गूंजते ही उपस्थित लोगों की आँखें नम हो गईं।
प्रो. वैद्य ने कहा, “जुबिन गर्ग ने असमिया संगीत को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उनका योगदान सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।”
दीपोत्सव में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को भी सम्मानपूर्वक याद किया गया। वक्ताओं ने देश के वीर जवानों को नमन करते हुए कहा कि उनका साहस और समर्पण ही भारत की असली ताकत है।

कार्यक्रम के आयोजन में एनआईटी छात्र परिषद की अहम भूमिका रही। पूरे परिसर को दीपों, पुष्पों और रंगीन रोशनियों से सुसज्जित किया गया था। श्रद्धा और उत्साह से भरे हजारों लोगों की उपस्थिति ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
एनआईटी शिलचर के इतिहास में यह दीपोत्सव अब तक का सबसे भव्य, अनुशासित और भावनात्मक आयोजन माना जा रहा है — जिसने तकनीकी संस्थान के विद्यार्थियों में सांस्कृतिक चेतना और सामूहिकता की नई ज्योति प्रज्वलित की।





















