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एनआईटी शिलचर में अस्थायी कर्मचारियों द्वारा अनिश्चितकालीन आन्दोलन शुरु, मांगे पूरी नही हुई तो भूख हड़ताल करेंगे

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यशवन्त पाण्डेय, शिलकुड़ी 15 जनवरी। एनआईटी शिलचर के अस्थायी कर्मचारियों ने नौकरी स्थायीकरण समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन आन्दोलन शुरु कर दिया है। वर्षों से काम कर रहे अस्थायी कर्मचारी अपनी स्थायी नौकरी और स्थानीय युवाओं को रोजगार देने सहित सात सूत्री मांगों को लेकर मंगलवार की सुबह से एनआइटी में आन्दोलन पर बैठ गये। शिलचर एनआईटी के अस्थायी कर्मचारी एनआईटी के प्रशासनिक भवन के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। आन्दोलन पर बैठे अस्थायी कर्मचारियों ने एनआईटी परिसर में चल रही आन्दोलन के दौरान एनआईटी अधिकारियों के खिलाफ कई शिकायतें कीं। प्रदर्शनकारियों ने एनआईटी के अधिकारियों पर नियुक्ति सहित विभिन्न मामलों में भाई-भतीजा, परिवारवाद करने का आरोप लगाया, आन्दोलनरत एनआईटी के अस्थायी कर्मचारियों ने जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी

एनआईटी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष तपन धर, उपाध्यक्ष निर्मल कुर्मी, सचिव चंपा लाल गोड़ ने कहा जो लोग 1993 से इस एनआईटी में मास्टर रोल वर्कर के रूप में काम कर रहे हैं, उन्हें शिलचर एनआईटी अधिकारियों ने लंबे समय से वंचित कर रखा है। इसके लिए हमने माननीय गौहाटी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। माननीय गौहाटी उच्च न्यायालय ने दो बार एनआईटी शिलचर के मास्टर रोल कर्मचारियों के स्थायीकरण के आदेश दिए लेकिन एनआईटी शिलचर प्रबंधन अदालत के आदेश का पालन नहीं कर रही है। इसी बीच एनआईटी शिलचर के बीओजी ने एनआईटी के कार्यरत मास्टर रोल कर्मचारियों को स्थायी करने पर सहमति दी है बावजूद एनआईटी प्रबंधन अस्थायी कर्मचारों को स्थायी नही कर रही है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह एनआईटी शिलचर मास्टर रोल वर्कर लम्बे समय से वंचित है। तपन धर ने कहा, गौहाटी उच्च न्यायालय ने केंद्रीय शिक्षा विभाग और एनआईटी शिलचर को अस्थायी कर्मचारियों की स्थायी भर्ती नही होने तक तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की भर्ती के लिए विज्ञापन रोकने का निर्देश दिया है। हमारी मांग है कि जब तक मास्टर कर्मियों को नियमित नहीं किया जाता, तब तक तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के विज्ञापन बंद किये जाएं। अगर भर्ती प्रक्रिया जारी रहा तो हम होने भी नहीं देंगे, इसलिए ही हम आंदोलन पर बैठने के लिए मजबूर हुए हैं। तपन धर ने और कहा कि कुछ दिन पहले ही नए रजिस्ट्रार की नियुक्ति हुई है, पिछले रजिस्ट्रार ने कई घोटाले किये थे, हमने बार-बार विभागीय अधिकारी से इस रजिस्ट्रार को हटाने का अनुरोध किया था, कम से कम पिछले रजिस्ट्रार को तो हटा दिया गया है. इसलिए मैं वर्तमान रजिस्ट्रार एवं निदेशक से आशा करता हूं कि जब तक हमारे कार्यरत मास्टर रोल कर्मियों की स्थायीकरण नहीं हो जाता तब तक तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की कोई नई नियुक्ति पर प्रतिबंध रखा जाय। उन्होंने स्थानीय बेरोजगार युवाओं से इस आंदोलन में भाग लेने का अनुरोध किया है। एनआईटी वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष निर्मल कुर्मी ने कहा, जो लोग 1982 से मास्टर रोल पर काम कर रहे हैं, तत्कालीन रजिस्ट्रार, निदेशकों ने मास्टर रोल श्रमिकों को कई प्रलोभन देकर एनआईटी का काम जारी रखा। लेकिन आज तक उनका स्थायीकरण नहीं हो सका है , पहले के निदेशक शिवाजी बंदोपाध्याय भी नियुक्ति के लिए विज्ञापन देकर साक्षात्कार नहीं ले सकते थे, जब विज्ञापन दिया गया तो भर्ति के नाम पर आवेदकों से 1000 रूपया वसूला गया था लेकिन भर्ति नहीं हुआ तो आवेदकों का एक हजार रुपया वापस किया जाना चाहिए था, लेकिन आज तक आवेदकों को उनके 1000 रुपये भी वापस नहीं किए गए, वो पैसे क्या गया? निर्मल बाबू ने कहा, यह पैसा आवेदक को लौटाया जाये। भोरखाई जीपी के सभापति सूर्य प्रसाद गोड़ ने कहा कि एनआईटी शिलचर में तीसरे, चौथे या किसी भी श्रेणी के प्रवेश में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देनी होगी। आंदोलन के दौरान सचिव चंपा लाल गोड़, सहायक सचिव साबुद्दीन लस्कर, उपाध्यक्ष नुरुल इस्लाम लस्कर, सौमित्र बर्मन और अन्य सभी क्षोभ व्यक्त किया।

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