यशवन्त पाण्डेय शिलकुड़ी 26 अगस्त। एनआईटी शिलचर व असम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाबधान में शुक्रवार को बड़े ही धूमधाम से साथ चार दिवसीय नार्थ इस्ट वाई 20 सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के शिक्षा राज्य मंत्री व विदेश मंत्री राजकुमार रंजन सिंह, शिलचर के सांसद डा. राजदीप राय, थींक इंडिया के राष्ट्रीय प्रभारी पाण्डेय , आयोजक असम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजीव मोहन पंत व एनआईटी शिलचर के निदेशक प्रोफेसर दिलीप कुमार वैद्य, अरुणाचल प्रदेश एनआईटी के निदेशक शर्मा मंचासीन थे, सम्मेलन का शुभारंभ केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डा. राजकुमार रंजन सिंह व अन्यान्य अतिथियों ने द्वीप प्रज्ज्वलन कर किया। एनआईटी शिलचर के स्पोर्ट्स क्लब आडिटोरियम में भारत के कोने कोने से आये प्रतिनिधि और एनआईटी शिलचर व असम विश्वविद्यालय के खचाखच भरे छात्र छात्राओं ने इस इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में तालियों गड़गड़ाहट से आये हुए केन्द्रीय मंत्री डा. राजकुमार रंजन जी का अभिवादन किया। एनआईटी शिलचर के निदेशक व असम विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा स्वागत व प्रस्ताविक वक्तव्य देने के पश्चात आयोजकों द्वारा एक अनोखा और भव्य झलकियाँ प्रस्तुत किया गया। जिसमें भारत के विभिन्न प्रदेशों के संस्कृति को गीत और नृत्य के माध्यम से विविधता में एकता का प्रदर्शन किया गया। देखते ही देखते माहौल देश भक्तिमय हो गया। केन्द्रीय विद्यालय एनआईटी के छात्रों द्वारा सुमधुर गीत प्रस्तुत किया गया। एनआईटी शिलचर के रजिस्ट्रार डा. के एल बैष्णव, डेपुटी रजिट्रार राजीब कांहार, एसिस्टेन्ट रजिस्ट्रार रूपज्योति समेत एनआईटी शिलचर व असम विश्वविद्यालय के कार्यकर्ताओं के अथक प्रयास से नार्थ इस्ट वाई 20 सम्मेलन में चारचाँद लग गया।
अरुणाचल प्रदेश एनआईटी के निदेशक शर्माजी ने अपने सम्बोधन में दो केन्द्रीय प्रतिष्ठानों द्वारा संयुक्त रूप से किये जाने वाला इस सम्मेलन की सराहना की। कार्यक्रम के पार्टनर थींक इंडिया के राष्ट्रीय प्रभारी सुनील पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान में अपना देश 2047 तक भारत को शिखर तक पहुंचने के हिसाब से काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि 16 साल पहले थींक इंडिया देश सेवा के कार्य शुरु किया और आज देश के श्रीनगर एनआईटी से लेकर पूर्वोत्तर के शिलचर समेत देश के लगभग सभी एनआईटी में जुड़ा हुआ है, थींक इंडिया शुरू से ही देश युवाओ के विकास के लिए काम करते आ रहा है, और राष्ट्रहित में काम करते रहेगा, आजादी के सौ साल में जो विकास करना है वह देश के युवाओ पर निर्भर है।