ग्रामीण कौशल विकास की दिशा में सशक्त पहल, पूर्वोत्तर भारत में दक्ष प्रशिक्षकों की नई श्रृंखला तैयार
हाफलोंग, 23 मई:
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI), हाफलोंग ने 20 से 23 मई तक चार दिवसीय विषय विशेषज्ञ प्रशिक्षक प्रमाणन कार्यक्रम का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 66 प्रशिक्षकों को 78 विभिन्न क्षेत्रों में प्रमाणित किया गया, जिससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के युवाओं को प्रशिक्षित करने हेतु दक्ष मानव संसाधन की एक सशक्त श्रृंखला तैयार हो सके।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि, वस्त्र निर्माण, हथकरघा एवं हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, विद्युत, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन एवं आतिथ्य जैसे विविध क्षेत्रों के प्रशिक्षकों के लिए आयोजित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रशिक्षकों की क्षमता का उन्नयन करना रहा।

कार्यक्रम में असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (ASRLM) के वरिष्ठ अधिकारियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। राज्य परियोजना प्रबंधक (कौशल एवं नियोजन) नबजीत भराली, परियोजना प्रबंधक मोहम्मद फिरदौस, तथा जिला परियोजना प्रबंधक किम हेंगना ने प्रशिक्षण की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। इसके अलावा डॉ. चैतन कुमार (उत्तर-पूर्व क्षेत्र नियंत्रक, ग्रामीण प्रशिक्षण संस्थान), राजकुमार दास (निदेशक, RSETI हाफलोंग), तथा निर्मलेंदु धर (प्रधान जिला प्रबंधक) की सहभागिता ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।
सभी अतिथियों ने प्रशिक्षकों की भूमिका को सराहते हुए उन्हें “पूर्वोत्तर के द्रोणाचार्य” बनने का आह्वान किया। उन्होंने प्रशिक्षकों से आह्वान किया कि वे ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने में सक्रिय भूमिका निभाएं।
तकनीकी सत्रों का संचालन विविध विषयों के विशेषज्ञों द्वारा किया गया, जिनमें केवीके हाफलोंग से वरिष्ठ वैज्ञानिक पार्की गोगोई और बाओस्रिंग नुनीसा, सौंदर्य एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञ एल. हमार, वस्त्र निर्माण विशेषज्ञ सोनाली थाओसें, विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक विशेषज्ञ डॉ. इसोरी जोईसी, तथा संस्थान के वरिष्ठ प्रशिक्षक रूपाली थाओसें और सुरजो नुनीसा शामिल रहे।
कार्यक्रम का समापन एक वृक्षारोपण अभियान के साथ किया गया, जिसका आयोजन केवीके वैज्ञानिकों ने किया। यह अभियान सतत विकास और हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक रहा।
इस अवसर पर पीएनबी ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, कछार के वरिष्ठ प्रशिक्षक शाहेद चौधुरी ने कहा, “इस प्रकार के प्रमाणन कार्यक्रम प्रशिक्षकों की क्षमता को सशक्त करते हैं, जिससे वे ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रभावी रूप से प्रेरित कर सकें। यह पहल आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है।”





















