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कंचन देवी वैद ने मरणोपरांत नैत्र दान करके उदाहरण पेश किया

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78 वर्षीय श्रीमती कंचन देवी की मौत के पश्चात उनकी परिवार वालों ने नेत्रदान का महान कार्य संपन्न कराने के पश्चात उनका  अंतिम संस्कार किया। अपने पीछे दो पुत्र राजेंद्र एवं मनोज बैद एक पुत्री दामाद बबीता शांतिलाल डागा चार पोत्र पौत्री प्रियांक जयंत यश व छाया बैद, दो पडपौत्र दश एवं कुंज बैद पड़ पौत्री दिव्यांका बैद भरपूर परिवार को शोकाकुल अवस्था में छोड़ गई है ।उनकी अंतिम यात्रा गुरुवार को सायंकाल सिलचर शमशान घाट में संपन्न हुई। बैद परिवार के शुभचिंतकों  और आत्मीय सज्जनों ने मृत आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए कामना की।
 कंचन देवी बैद ने मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान कर दी ।उन्होंने 16/08/2023 को 78 साल की उम्र में अपने आवास अंबिका पट्टी पर अंतिम सांस ली। डॉक्टर द्वारा उनकी मृत्यु की घोषणा के बाद उनके परिवार की ओर से पौत्र प्रियांक बैद ने तोलाराम  गुलगुलिया संजय नाहटा एवं पंकज मालू की प्रेरणा से अपनी दादी मां की आंखें तेरापंथ युवक परिषद सिलचर के सहयोग से दान करने में रुचि व्यक्त की। तत्काल तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष (आ.भा.ते.यू.प सदस्य) अशोक मरोटी एवं तेरापंथ युवक परिषद सिलचर नेत्रदान संयोजक मयंक सुराणा ने सिलचर मेडिकल कॉलेज आई बैंक को नेत्रदान प्रक्रिया को पूरा करने में सहायता के लिए सूचित किया। आई बैंक के अधिकारियों ने सभी चिकित्सा प्रक्रियाओं को सत्यापित किया और नेत्रदान प्रक्रिया को पूरा किया। बैद परिवार के इस महान कार्य के लिए तेरापंथ युवक परिषद सिलचर ने उनको बहुत-बहुत साधुवाद दिया। यह जानकारी मंत्री हेमंत छाजेड़ द्वारा मीडिया को दी गई।

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