शिलचर, 2 जुलाई: कछार जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और चिकित्सा सेवाओं की बदहाली एक बार फिर उजागर हो गई। यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या मरीजों के प्रति विभाग की कोई जिम्मेदारी बची है? और क्या आपातकालीन सेवाओं के लिए उपलब्ध संसाधन पर्याप्त और विश्वसनीय हैं?
मंगलवार को बड़खोला अस्पताल से शिलचर मेडिकल कॉलेज ले जाया जा रहा एक गंभीर रोगी उस समय परेशानी में पड़ गया जब मयनारबंद ओवरब्रिज पर चलती एम्बुलेंस का टायर अचानक फट गया। इसके चलते रोगी को लेकर एम्बुलेंस घंटों धूप में सड़क पर खड़ी रही। बाद में शिलचर से दूसरी एम्बुलेंस भेजी गई, तब जाकर मरीज को मेडिकल कॉलेज पहुंचाया जा सका।
स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा रोष जताया है। उनका कहना है कि जिले में पहले ही एम्बुलेंसों की संख्या बहुत कम है और जो मौजूद हैं, उनकी हालत भी दयनीय है। ऐसे में अगर कोई आपात स्थिति में होता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।
स्थानीय निवासियों ने स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ असम के मुख्यमंत्री से इस गंभीर लापरवाही पर संज्ञान लेने की मांग की है। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए जरूरी कदम तुरंत उठाए जाएं ताकि भविष्य में किसी मरीज को ऐसी परेशानी न झेलनी पड़े।





















