शिलचर।
जन स्वास्थ्य सुरक्षा को सुदृढ़ करने और कछार जिले में सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में जिला प्रशासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बुधवार को अतिरिक्त जिला आयुक्त अंतरा सेन ने अतिरिक्त मुख्य सचिव के निर्देशानुसार आदेश जारी कर सभी होटलों, रेस्टोरेंटों और इसी तरह के प्रतिष्ठानों को अनिवार्य रूप से मासिक जल गुणवत्ता परीक्षण कराने के लिए कहा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
निर्देशों के अनुसार, मेहमानों और आम नागरिकों को पेयजल उपलब्ध कराने वाले प्रत्येक प्रतिष्ठान को अब भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के मानदंडों के अनुरूप पानी की भौतिक, रासायनिक और सूक्ष्मजीवविज्ञानी जाँच करानी होगी। यह परीक्षण लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) अथवा उसकी मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से कराना अनिवार्य होगा।
साथ ही, परीक्षण की रिपोर्ट हर माह की 10 तारीख तक संबंधित प्राधिकरणों—जिला स्वास्थ्य अधिकारी, सिलचर नगर निगम या लाइसेंसिंग निकाय—को जमा करनी होगी।
पीएचईडी को निर्देश दिया गया है कि वे समय पर परीक्षण सेवाएँ उपलब्ध कराएँ और सभी रिपोर्टों का केंद्रीकृत डेटाबेस तैयार करें। अधिकारियों का कहना है कि यह व्यवस्था न केवल संभावित जल प्रदूषण की पहचान करने में सहायक होगी, बल्कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करेगी।
प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध लोक स्वास्थ्य अधिनियम, खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम और अन्य संबंधित कानूनों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नागरिकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कदम न केवल जलजनित रोगों की रोकथाम करेगा बल्कि सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षित व स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने में भी अहम भूमिका निभाएगा।
इस पहल के साथ जिला प्रशासन ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वह कछार में सार्वजनिक स्वास्थ्य ढाँचे को मजबूत करने और लोगों को सुरक्षित पेयजल की गारंटी देने के लिए प्रतिबद्ध है।





















