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एक गांव में एक व्यापारी रहता था, जिसकी एक खूबसूरत बेटी थी। व्यापारी पर भारी कर्ज हो गया था, और जिस व्यक्ति से उसने यह कर्ज लिया था, वह बेहद चालाक और नीच स्वभाव का था। जब व्यापारी कर्ज चुकाने में असमर्थ हो गया, तो वह व्यक्ति गांव वालों को बुलाकर व्यापारी के घर पहुंचा। उसने व्यापारी से कहा, “अगर तुम मेरा कर्ज नहीं चुका सकते, तो अपनी बेटी की शादी मुझसे कर दो।”
यह सुनकर व्यापारी चुप रह गया क्योंकि वह मजबूर था। इन सब बातों को घर में बैठी उसकी बेटी भी सुन रही थी। थोड़ी देर बाद, उस व्यक्ति ने गांव वालों के सामने एक प्रस्ताव रखा। उसने कहा, “मैं एक थैली में एक सफेद और एक काला पत्थर डालूंगा। तुम्हारी बेटी को थैली में से एक पत्थर निकालना होगा। अगर वह सफेद पत्थर निकालेगी, तो कर्ज माफ हो जाएगा और मुझे उससे शादी नहीं करनी पड़ेगी। लेकिन अगर काला पत्थर निकाला, तो कर्ज माफ होगा, लेकिन मुझे उससे शादी करनी होगी।”
व्यापारी की बेटी ने यह प्रस्ताव मान लिया, और गांव के लोग भी सहमत हो गए। उस व्यक्ति ने सभी के सामने दो पत्थर उठाए और चालाकी से थैली में दोनों काले पत्थर डाल दिए। यह बात व्यापारी की बेटी ने देख ली। वह समझ गई कि जो भी पत्थर निकालेगी, वह काला ही होगा।
लड़की ने सोचा कि अगर वह यह सच सबको बता देगी, तो कर्ज माफ नहीं होगा और वह आदमी उसके पिता से बदला लेने की कोशिश करेगा। लड़की ने एक चतुराई भरी योजना बनाई।
जब उसे पत्थर निकालने को कहा गया, तो उसने थैली में हाथ डाला, एक पत्थर निकाला और उसे जानबूझकर जमीन पर गिरा दिया। पत्थर जमीन पर गिरकर अन्य पत्थरों में मिल गया। लड़की ने मुस्कुराते हुए कहा, “अब थैली में बचा पत्थर देख लो। अगर वह काला है, तो इसका मतलब है कि मैंने सफेद पत्थर निकाला था।”
गांव वालों ने थैली में देखा, और वहां काला पत्थर निकला। यह देखकर सभी ने मान लिया कि लड़की ने सफेद पत्थर निकाला होगा। इस तरह, व्यापारी का कर्ज माफ हो गया, और उसकी बेटी को उस व्यक्ति से शादी भी नहीं करनी पड़ी।
### **सीख:**
यह कहानी हमें सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में घबराने के बजाय धैर्य और चतुराई से काम लेना चाहिए। जो लोग हमारी मजबूरी का फायदा उठाना चाहते हैं, उन्हें उनकी चाल में ही फंसाना सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। खामोशी से अपनी बुद्धिमत्ता और समझदारी का उपयोग करके आप किसी भी मुश्किल हालात से बाहर निकल सकते हैं।




















