गुवाहाटी, 18 जून (हि.स.)। कांग्रेस से शुक्रवार को इस्तीफा देने वाले
विधायक रूपज्योति कुर्मी के बाद कामरूप (मेट्रो) जिला कांग्रेस अध्यक्ष
जूरी शर्मा बरदलै ने भी शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। इस मौके पर
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हाई कमान को बताने के बाद भी कांग्रेस
का एआईयूडीएफ के साथ विधानसभा चुनाव में गठबंधन किया गया, जिसके चलते
कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से राज्य में समाप्त हो गयी है। कांग्रेस की
पहचान राज्य में अल्पसंख्यक पार्टी के रूप में हो गयी है।
जूरी शर्मा बरदलै ने शुक्रवार को यहां एक होटल में आयोजित संवाददाता
सम्मेलन में कांग्रेस छोड़ने की घोषणा की। पार्टी से इस्तीफा देने के बाद
पार्टी नेतृत्व की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने अपने
हितों के लिए कांग्रेस को बेच दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद
समीक्षा करने की बजाए उन्होंने रिजॉर्ट में इस बात पर चर्चा की कि अगला
मुख्यमंत्री कौन होगा।
बरदलै ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस अल्पसंख्यक पार्टी के रूप में
उभरी है। उन्होंने कहा कि हम लोग महात्मा गांधी के आदर्शों के साथ आगे
बढ़े थे, लेकिन एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन करके गोपीनाथ बरदलै के आदर्श को
तिलांजली दे दिया है। हाईकमान को बताने के बाद भी एआईयूडीएफ के साथ
मित्रता करके कांग्रेस को खत्म कर दिया गया। गठबंधन के मुद्दे में कई
नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसको रोकने की पूरी कोशिश की बावजूद आलाकमान
ने मित्रता कर ली। कांग्रेस में निचले स्तर के कार्यकर्ताओं की सुनवाई
नहीं होती है। यह रकीबुल हुसैन और वाजेद अली चौधरी के निजी फायदे के लिए
ही एआईयूडीएफ के साथ मित्रता की गई थी।
ज्यूरी शर्मा बरदलै ने कहा कि हममें से कई लोगों ने राहुल गांधी के
नेतृत्व का कभी समर्थन नहीं किया। कांग्रेस पार्टी आज पूरी तरह से समाप्त
हो गयी है। उन्होंने कहा कि मैं आज दुखी हूं। क्योंकि, कांग्रेस ने आज
एक कुशल व्यक्ति खो दिया। उनके पार्टी से बाहर जाने को लेकर समीक्षा करने
की जरूरत थी। कांग्रेस पार्टी असम की जनता से दूर हो गयी है।
ज्ञात हो कि जूरी शर्मा बरदलै के कांग्रेस छोड़ने के अवसर पर लगभग 150 से
अधिक नेता और कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया। माना जा रहा
है कि जूरी शर्मा बरदलै भी भाजपा में शामिल हो सकती हैं। हालांकि,
संवाददाता सम्मेलन के दौरान वे किस पार्टी में शामिल होंगी, इस बारे में
उन्होंने कुछ भी नहीं कहा।