नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट आज कावड़ यात्रा-नेमप्लेट विवाद मामले में कावड़ रूट पर दुकानदारों को अपनी पहचान लिखने पर अंतरिम रोक लगा दी है. अदालत ने कहा कि दुकानदारों को अपना नाम या पहचान बताने की जरूरत नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया है. उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था. होटल चलाने वालों को भोजन के प्रकार यानी वह शाकाहारी है या मांसाहारी की जानकारी देनी होगी. उन्हें अपना नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- यह एक प्रेस वक्तव्य था या एक आदेश?
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि पहले एक प्रेस बयान आया था, फिर सार्वजनिक आक्रोश हुआ. राज्य सरकार कहती है स्वेच्छा से, लेकिन वे इसे सख्ती से लागू कर रहे हैं. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ऐसा पहले कभी नहीं किया गया. इसका कोई वैधानिक समर्थन नहीं है. कोई भी कानून पुलिस कमिश्नर को ऐसा करने का अधिकार नहीं देता. निर्देश हर हाथ-गाड़ी, रेड़ी, चाय-स्टॉल के लिए है. कर्मचारियों और मालिकों के नाम बताने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होता.