प्रे.स. शिलचर, 21 मार्च: कछार जिला कृषि विज्ञान केंद्र के बी.आर. ऑडिटोरियम, कुमारपाड़ा, माछीमपुर में गुरुवार को एक दिवसीय “उद्यमी मीट 2024-25” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के प्रगतिशील किसानों और कृषि उद्यमियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. मनोरंजन मिश्रा ने किया, जिन्होंने बीडीओ कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी को संबोधित किया। इसके बाद, विशिष्ट अतिथियों को उत्तरीय पहनाकर सम्मानित किया गया, जिनमें जिला कृषि विभाग की एडीओ अर्शमिता गोगोई, वैज्ञानिक डॉ. बामन तिमुंग, डॉ. मनोरंजन राय, डॉ. थॉमस टाया और डॉ. आनंदिता दास प्रमुख रूप से शामिल रहे।
कृषि में नवाचार और विकास पर जोर
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता एडीओ अर्शमिता गोगोई ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को आगे बढ़ने के अनेक अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि विभाग के संयुक्त प्रयास से क्षेत्र में कृषि के क्षेत्र में और अधिक प्रगति होगी।
वहीं, वैज्ञानिक डॉ. बामन तिमुंग ने उद्यमशीलता की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा, “एक सफल कृषि उद्यमी न केवल अपनी आजीविका सुधारता है, बल्कि समाज से गरीबी को दूर करने में भी योगदान देता है। साथ ही, कृषि क्षेत्र की मजबूती से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी स्थायित्व मिलता है।” उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे ईमानदारी और गुणवत्ता के प्रति समर्पित रहें, क्योंकि उनका उत्पादन सीधे आम जनता की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करता है।
सम्मान और प्रेरणा
इस अवसर पर डॉ. आनंदिता दास, डॉ. थॉमस टाया और फॉर्म मैनेजर स्वगुमसर बसुमतारी ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक डॉ. मनोरंजन राय और जिला कृषि विज्ञान केंद्र की फील्ड कोऑर्डिनेटर बेबी दास ने किया।
कार्यक्रम के अंत में, जिले के 50 प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया। उन्हें उत्तरीय पहनाकर और स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनकी उपलब्धियों को सराहा गया।
निष्कर्ष
“उद्यमी मीट 2024-25” का यह आयोजन किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए नवाचार, सहयोग और प्रेरणा का मंच साबित हुआ। कृषि विज्ञान केंद्र और कृषि विभाग के संयुक्त प्रयासों से भविष्य में इस तरह के और भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे किसानों को नवीनतम तकनीकों, सरकारी योजनाओं और व्यवसायिक कृषि के अवसरों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त हो सके।