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प्रीतम दास, हाइलाकांदी 18 अगस्त:
आज, इफको और आईसीएआर-केवीके, हाइलाकांदी द्वारा दयालपुर एलपी स्कूल संख्या १२१ धोलाई भाग-४, काटलीछोरा में एक जागरूकता-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
आज कार्यक्रम में क्षेत्र के ६० से अधिक किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। आईसीएआर-केवीके के पौध संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. सौरभ शर्मा और इफको (बराक घाटी) के क्षेत्रीय अधिकारी श्री रेहान रेजा कार्यक्रम में उपस्थित थे और उन्होंने किसानों को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
श्री रेहान रेजा ने किसानों को नैनो यूरिया, नैनो डीएपी, नैनो कॉपर, नैनो जिंक, बोरोन और अन्य नैनो-आधारित उत्पादों के उपयोग और प्रभावशीलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन नैनो उर्वरकों के उपयोग से फसल उत्पादकता में वृद्धि हो सकती है और साथ ही टिकाऊ कृषि पद्धतियों को भी बढ़ावा मिल सकता है।
वहीं, डॉ. सौरभ शर्मा ने चावल की खेती में एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों को कीट एवं रोग नियंत्रण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने असम के विभिन्न हिस्सों में हाल ही में दिखाई देने वाले झुंड के इल्लियों की समस्या पर भी प्रकाश डाला और किसानों को प्रभावी नियंत्रण विधियों से अवगत कराया।
कार्यक्रम का एक आकर्षण इफको द्वारा कृषि में ड्रोन का प्रदर्शन था। इस दिन, ड्रोन के माध्यम से चावल के खेतों में नैनो यूरिया के छिड़काव का प्रदर्शन किया गया, जिससे किसानों में भारी उत्साह देखा गया। किसानों ने कहा कि इफको को भविष्य में अपनी फसलों में ड्रोन के माध्यम से इस सेवा को नियमित रूप से शुरू करने की पहल करनी चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में किसानों के साथ एक अंतर-संवाद सत्र आयोजित किया गया, जहाँ उन्होंने इफको और केवीके हैलाकांडी की पहल की सराहना की। किसानों ने कहा कि आधुनिक तकनीक और टिकाऊ कृषि विधियों से परिचित होकर, वे भविष्य में अधिक उपज प्राप्त कर सकेंगे और उन्नत कृषि प्रणालियाँ विकसित कर सकेंगे।





















