गुवाहाटी, 01 मार्च। असम के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा कि कानून को हाथ में लेने की किसी को छूट नहीं दी जाएगी। नागरिकता संशोधन कानून (का) को लेकर किए जा रहे ‘भयंकर आंदोलन’ तथा ‘विरोध प्रदर्शन का अधिकार’ आदि की चर्चा के संदर्भ में शुक्रवार को डीजीपी ने सोशल मीडिया के जरिए आगाह किया कि लोगों के जान-माल को खतरे में डालने की किसी को छूट नहीं दी जाएगी।
उन्होंने गुवाहाटी में मार्च कर रहे पुलिसकर्मियों की एक तस्वीर जारी करते हुए कहा कि असम पुलिस कानून-व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने तथा लोगों के जान-माल की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने दिसंबर 2019 में ‘का’ को लेकर हुए आंदोलन की याद दिलाते हुए कहा कि लोगों के जीवन को इस प्रकार से संकट में डालने की किसी को छूट नहीं दी जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के असम आगमन पर 9 मार्च को राज्यभर में आसू समेत राज्य के 30 अन्य संगठनों द्वारा 12 घंटे के अनशन की घोषणा को लेकर असम पुलिस सतर्क हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि 9 फरवरी को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि लोकसभा चुनाव से पहले ‘का’ लागू कर दिया जाएगा। इस कानून के प्रावधानों के अनुरूप लोगों को नागरिकता देने का कार्य किसी भी समय शुरू हो सकता है।