कामाख्या धाम में शारदीय दुर्गा पूजा और नवरात्र में नारी की शक्ति के प्रतीक रूप में होती हैं कुमारियों का विशेष पूजन
गुवाहाटी, 05 अक्टूबर। पूरे देश के साथ गुवाहाटी में भी दुर्गा पूजा की धूम मची हुई है। सभी पूजा पंडालो को अलग-अलग थीम एवं आकर्षक रोशनी से सजाया जा रहा है।
असम की राजधानी गुवाहाटी निलाचल पहाड़ पर स्थित ऐतिहासिक शक्तिपीठ कामाख्या मंदिर में पूरे वर्ष भर कई तरह के उत्सव धूमधाम से मनाये जाते हैं। इनमें शारदीय दुर्गा पूजा एक महत्वपूर्ण उत्सव है। दुर्गा पूजा हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। यहां की दुर्गा पूजा बाकी दुर्गा पूजा से थोड़ी अलग होती है।
यहां दुर्गा पूजा कृष्ण पक्ष की नवमी से ही प्रारंभ हो जाती है और शुक्ल नवमी तक चलती है। यानी 15 दिनों तक यहां पर का विधान होता है। हर साल दुर्गा पूजा उत्साह के साथ यहां मनाया जाता है। कामाख्या धाम में दुर्गा पूजा इस बार 26 सितंबर से शुरू हुआ है।
दुर्गा पूजा के साथ-साथ यहां पर नवरात्रि भी बहुत धूमधाम से मनायी जाती है। नवरात्रि में कामाख्या धाम में चंडी पाठ शुरू हो जाता है। दुर्गा पूजा शुरू होने के दिन से ही चंडी पाठ शुरू हो जाता है। और देश-विदेश से काफी संख्या में श्रद्धालु यहां पर चंडी पाठ करने आते हैं।
नवरात्रि के समय कामाख्या में कुमारी पूजा का भी विशेष महत्व है। नारी को शक्ति के प्रतीक रूप में देखा जाता है। कामाख्या में नवरात्रि के पहले दिन से ही कुमारी पूजन शुरू हो जाता है। पहले दिन एक कुमारी की पूजा होती है, दूसरे दिन दो कुमारी की पूजा होती है। इस प्रकार कुमारी पूजा दुर्गा पूजा के अंत तक प्रत्येक दिन एक-एक कुमारी की संख्या बढ़ती रहती है।
नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि की पूजा गुरुवार से शुरू हो गई है। नवरात्रि के समय मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। दुर्गा पूजा और नवरात्रि के अवसर पर कामाख्या धाम में मां के दर्शन की समय सूची में भी काफी बदलाव किया गया है। नवरात्रि के अवसर पर मंदिर को सुंदर लाइट एवं फूलों से भी सजाया गया है।