प्रे.स. कालाइन 24 जनवरी:शिलचर पीएचई डिवीजन-1 के अंतर्गत आने वाली कालाइनछोरा चाय बागान जल जीवन मिशन परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया है। इस परियोजना के तहत बांग्लाटीला क्षेत्र में 40 लाख रुपये की लागत से जल आपूर्ति योजना का निर्माण किया गया। लेकिन स्थानीय निवासियों का आरोप है कि यह परियोजना केवल कागजों पर पूरी हुई है।
40 लाख की लागत, लेकिन पानी का अभाव
परियोजना के लिए भारी भरकम बजट आवंटित होने के बावजूद, पानी की एक बूंद भी अभी तक ग्रामीणों के घरों तक नहीं पहुंची है। हैरानी की बात यह है कि 40 लाख रुपये की लागत से बने जलाशय को भरने के लिए कोई भी जल स्रोत उपलब्ध नहीं है। पाइपलाइन की गुणवत्ता और डिजाइन पर भी सवाल उठ रहे हैं। केवल डेढ़ इंच की पतली पाइपलाइन का उपयोग कर 150 परिवारों को पानी पहुंचाने का प्रयास किया गया है, जो स्पष्ट रूप से अपर्याप्त है।
गांव में गंभीर जल संकट
निवासियों का कहना है कि जलापूर्ति व्यवस्था को सही तरीके से भूमिगत पाइपलाइन के बजाय जमीन के ऊपर से रूट किया गया है। इसके कारण पाइप जगह-जगह टूट गए हैं और जलापूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इस जल जीवन मिशन परियोजना से उन्हें अभी तक कोई लाभ नहीं मिला है।
7 सितंबर 2023 को हुआ उद्घाटन, लेकिन पानी अब भी सपना
इस परियोजना का उद्घाटन 7 सितंबर 2023 को बड़े समारोह के साथ किया गया था। लेकिन आज तक यह परियोजना सिर्फ एक दिखावा साबित हुई है। शुष्क मौसम में ग्रामीणों को पीने के पानी की कमी के कारण भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है।
निवासियों की मांग: दोषियों पर हो कार्रवाई
गांववालों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और बांग्लाटीला क्षेत्र में तुरंत प्रभाव से जलापूर्ति व्यवस्था दुरुस्त की जाए।
निष्कर्ष:
कालाइनछोरा चाय बागान जलापूर्ति परियोजना में हुए घोटाले ने जल जीवन मिशन की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या सरकार और प्रशासन इस भ्रष्टाचार पर लगाम लगाएंगे, या ग्रामीणों को ऐसे ही संकट झेलना पड़ेगा?





















