कामरूप (असम): कामरूप (ग्रामीण) जिला के रंगिया सर्किल अंतर्गत कनिहा में गुरुवार को उत्तरन कृषि प्रोड्यूसर कंपनी (यूकेपीसी) के कार्यालय व राइस मील का भूमि पूजन किया गया। भूमि पूजन भारतीय किसान संघ (बीकेएस) के प्रांत संगठन मंत्री कृष्ण कांत बोरा ने वैदिक विधि विधान के साथ किया।
इस मौके पर कामरूप जिला कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ इलाक्षी डेका और रिजू हालिम, एपीएआरपी (एपार्ट) की ओर से मनोज शर्मा, संस्था के चेयरमैन परेश शर्मा, संस्था के आईसीसीईओ अमल भराली, संस्था के बोर्ड आफ डायरेक्टर व संस्थान के काफी संख्या में सदस्य मौजूद थे।
कार्यक्रम के दौरान संस्था से जुड़े कई सफल किसानों को सम्मानित भी किया गया। उल्लेखनीय है कि संस्था वर्ष 2017 में कोआपरेटिव सोसाइटी के अंतर्गत काम करना आरंभ किया था। सोसाइटी से इलाके के लगभग 1000 किसान से अधिक किसान जुड़कर अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में सफल हुए। इस दौरान सोसाइटी को एफपीसी संस्था के रूप में तब्दील कर दिया गया।
संस्था के पदाधिकारियों ने बताया है कि यह संस्था किसानों के बीच काफी समय से काम करती आ रही है। मुख्य उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाते हुए उनकी आय को दोगुना करना है। इसके मद्देनजर ही संस्था ने राइस मील लगाने के लिए कदम उठाया है। मील के जरिए संस्था से जुड़े किसानों द्वारा उत्पादित धान को यहां पर चावल में बदलकर बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। पदाधिकारियों ने बताया है कि इस मील की विशेषता है कि यहां 60 फसीद से अधिक चावल पूरी तरह बिना टूट के तैयार होता है।
संस्था के चेयरमैन ने बताया कि हम किसानों को अत्याधुनिक सयंत्र मुहैया कराकर उनके उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं। अत्याधुनिक यंत्रों में मुख्य रूप से कंबाइन हार्वेस्टर, पोर्टेबल राइस मील, थ्रेसर, ड्रम सीडर आदि उपकरण शामिल हैं। इसके अलावा किसानों को उन्नत बीज, खाद, रसायन भी मुहैया कराने के साथ ही आधुनिक खेती के प्रशिक्षण भी किसानों को दिये जा रहे हैं। इससे किसानों को काफी लाभ मिल रहा है।
इस मौके पर उपस्थित कई किसानों ने कहा कि संस्था के द्वारा मुहैया कराए गये प्रशिक्षण, संसाधन व उपकरणों से उनकी खेती को काफी लाभ मिला है। उनका उत्पादन बढ़ने के चलते उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।
चेयरमैन ने बताया कि किसानों के उत्पादों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं। भविष्य में किसानों की खेती को और आधुनिक बनाने के लिए भी कई कदम उठाने की तैयारी की जा रही है।