विश्वस्त सूत्रों से पता चला है के ट्रैक्टर रैली में सबसे ज्यादा किस कंपनी के ट्रैक्टर शिरकत कर रहे हैं,सारी ट्रैक्टर कंपनियां इस पर नजर रख रही है…इस आधार पर कंपनियां अपना विज्ञापन बनवाएगी और मार्केट में अपनी बिक्री बढ़ाएगी… ‘अडानी-अम्बानी’ सरीखे लोग यहां भी फायदा उठा कर किसानों को ही बाजार बनाने की संभावना टटोल रहे हैं..मोदीजी ने अपने तीस-चालीस कॉरपोरेट मित्रों को सलाह दी है के इस ट्रैक्टर रैली की आपदा में एक अवसर देखें और उसी ब्रांड के ट्रैक्टर की कम्पनी में अपना निवेश करें..!उस ट्रैक्टर कम्पनी के लिए एंसिलरी कंपनियों की भी संभावनायें बढ़ गई है।
रिहर्सल करते युवा किसानों को ब्रांडेड जीन्स,टी-शर्ट्स,स्मार्ट फ़ोन और ब्रांडेड जूतों में देख कर कॉरपोरेट कंपनियां गदगद हो गई हैं।विश्वस्त सूत्रों ने बताया है कि कंपनियां ये सोच कर हैरान हैं कि अब तक वे सोचते थे कि उनके प्रोडक्ट का उपभोग बनियों की जमात,सरकारी ऑफिसर और बड़ी कंपनियों के अधिकारी ही करते हैं… अब वे अपने प्रचार में किसान-पुत्रों को भी शामिल करेंगें।सभी एडवर्टिजमेंट कंपनियों ने तेजी से किसान मॉडल चुनने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है।
कुल मिलाकर इस किसान आंदोलन से देश में एक बड़े बाजार की संभावना दिखने लगी है।मोदी सचमुच अपने अड़ानियों और अम्बानियों के लिए ही काम कर रहे हैं।
इस नई परिस्थिति को देखते हुए स्वराज वाले जोगेंदरजी (जादवजी) ने किसानों को ट्रैक्टर की जगह बैल-गाड़ियों के साथ 26 जनवरी को प्रदर्शन करने की सलाह दी है।
उन्होंने किसानों को कहा है कि वे अपने रोजमर्रा के कपड़ों की जगह आमिर खान से लगान फ़िल्म में यूज किये कपड़े उधार मांग लें और उसे पहन कर ही बैल- गाड़ियों में भर कर आये ,जिससे मोदी के उद्दोगपति मित्रों को इस आंदोलन का फायदा न मिल सके।
-व्यावसायिक डेस्क से डिंगाहा कुमार -अभी तक!
-संवेद अनु,गुवाहाटी