फॉलो करें

कुसंस्कार की भेंट चढ़ी मासूम मीनाः साँप के काटने पर ओझा के झाड़-फूंक में समय गंवाया, 12 वर्षीय बच्ची की मौत

182 Views

लखीपुर , 11 जून:फिर एक बार अंधविश्वास और कुसंस्कार ने एक मासूम की जान ले ली। अगर समय पर इलाज मिला होता, तो शायद वह आज जीवित होती। असम के लखीपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कनकपुर दलईछड़ा ग्राम पंचायत के 10 नंबर ग्रुप की रहने वाली 12 वर्षीय मीना बर्मन की साँप के काटने से मौत हो गई — और इसकी सबसे बड़ी वजह बना परिवार का ओझा पर भरोसा करना।

सूत्रों के अनुसार, मीना रोज की तरह रात का खाना खाकर सो गई थी। अगली सुबह उठते ही वह बदन में तेज़ दर्द की शिकायत करने लगी। जब परिजनों ने ध्यान दिया, तो उसके शरीर पर साँप के काटने जैसा छोटा सा निशान दिखाई दिया। इसके बाद घर के एक कोने में एक विषैला साँप भी देखा गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि मीना को साँप ने काटा है।

इसके बावजूद, परिवार मीना को तुरंत अस्पताल ले जाने के बजाय एक स्थानीय ओझा को बुलाया। ओझा ने झाड़-फूंक की और परिवार को भरोसा दिलाया कि ‘जहर उतर गया है।’ परिवार ने भी इस अंधविश्वास पर भरोसा कर लिया। लेकिन मीना की तबीयत लगातार बिगड़ती गई। जब हालात गंभीर हो गए, तब उसे हरिनगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया — पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने मीना को मृत घोषित कर दिया।

मीना बर्मन जयपुर बिनापानी विद्यालय की कक्षा 6 की छात्रा थी। उसकी असमय मृत्यु से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोग मानते हैं कि यदि समय रहते उसे मेडिकल सहायता मिल जाती, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी।

यह दर्दनाक घटना एक बार फिर समाज में गहराई तक जड़े अंधविश्वास और कुसंस्कार की भयावहता को उजागर करती है। जरूरत है जागरूकता की, ताकि भविष्य में कोई और मासूम ऐसी लापरवाही और विश्वास के चलते अपनी जान न गंवाए।

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल