फॉलो करें

कृपया फीता न काटें

401 Views
कृपया फीता न काटें
               काट पीट न करें
                  गांठें खोले
              गांठें खुल गई हैं,
          शुभ उद्घाटन पूर्ण हुआ.
हाथ फैले हैं स्वागत को.
बंदिशें खत्म हो गई हैं,ताले खुल गये हैं,दिल से दिल मिल रहे, गलबहियां हो रही है, कंधों पर सबका हाथ है,सभी अपनों का अनोखा साथ है.गांठ खोली गयी है और दो मन,दो तन,दो बदन मिल रहे हैं, भाई माजरा क्या है?
माजरा क्या है? गांठें खुल गई है अर्थात् उद्घाटन हो गया है,किसी के दिल में कोई गांठ नहीं, गांठें खोल दें और प्यार लुटा दें,बस प्यार ही प्यार……
वाह हमारे असम की आन बान शान दो फुलाम गमछे सुसज्जित हैं चौखट के दोनों ओर के दो खम्भों पर और जुड़े हैं
सुन्दर फूलीया गाठों से, पवित्र गमछे जो आवश्यक हैं किसी भी पवित्र कार्य में टोपी की तरह आवश्यक ,पर सिर पर नहीं, कंधों पर तथा साथ ही औरतें भी जिससे अपना सिर ढ़ंकती है ओढ़नी की तरह.आवश्यक है ये गमछे हर पवित्र कार्य में.
चूंकि गमछे बंधे हैं प्रवेशद्वार के दोनों ओर पर जुड़े हैं सरल गांठों से.बस गांठ खोलनी है,कैंची नहीं चलानी फीता काटने अर्थात् काट पीट करने, शुरुआत नहीं करनी कैंची चलाकर,बस खोलनी है गांठ और लुटाना है प्यार और स्नेह,लाना है सबको अंदर,बसाना है दिलों में और लुटाना है प्यार ही प्यार फूलों की हर पंखुड़ी के साथ जो बरसाई जा रही है घर में प्रवेश करने वाले सभी पर,बच्चा, बूढ़ा और जवान आ कंधे पे बढ़ाता सबकी शान.ऐसा है हमारा फूलाम गमछा.शुभ और हमेशा शुभ,प्यारा सा हमारा फूलाम गमछा.
मुरारी केडिया 9435033060.

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल