फॉलो करें

केजरीवाल निर्दोष नहीं शराब घोटाले में, चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर हैं — अशोक भाटिया

33 Views

दिल्ली शराब घोटाले के मामले में 50 दिन तक तिहाड़ जेल की हवा खाने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 20 दिन की अंतरिम जमानत दे दी है। अब वह एक जून तक जेल के बाहर रहेगें और चुनाव प्रचार कर सकेंगे।

जेल से बाहर आते ही सेना के शौर्य पर सवाल उठाने वाले केजरीवाल को ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के क्रांतिकारी नारे याद आ गए। इन्हीं नारों के जरिए केजरीवाल ने माहौल बांधने की कोशिश की। दिल्ली शराब घोटाले के आरोपी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं तानाशाही के खिलाफ लड़ रहा हूं, लेकिन इसके लिए मुझे 140 करोड़ लोगों का साथ चाहिए।

गौरतलब है कि दिल्ली शराब घोटाले के मामले में अरविंद मुख्य आरोपी हैं। ईडी ने उन्हें इस घोटाले का किंगपिन यानि कि सरगना करार दिया है। भले ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी हो, लेकिन, वो चुनाव परिणाम नहीं देख पाएंगे। दरअसल, गुरुवार को जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को एक जून को अंतरिम जमानत दी। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तुरंत सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत की मियाद 5 जून तक बढ़ाने की मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि वोटिंग से 48 घंटे पहले ही चुनाव प्रचार थम जाता है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा।

आप पार्टी के अनुसार  केजरीवाल को जमानत मिलने के साथ ही आम आदमी पार्टी के हौसले बुलंद हो गए हैं। पार्टी नेताओं ने प्रेस कॉफ्रेंस करके कहा कि बजरंगबली का उन पर आशिर्वाद है। जमानत मिलने से दिल्ली नहीं पूरा देश खुश है। उनको सियासी षड्यंत्र के तहत जेल भेजा गया था, ताकि लोकसभा चुनाव से दूर रहें। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में कहा, ‘ सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। तानाशाही का अंत होगा। सत्यमेव जयते। देश देखेगा केजरीवाल का कमाल’।

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी खुशी जाहिर की है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा, यह जानकर बहुत खुशी हुई कि अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई। यह फैसला आज के राजनीतिक माहौल के लिए काफी सकारात्मक होगा और विपक्ष को फायदा होगा। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि अंततः सत्य और न्याय की जीत होगी। केजरीवाल की बेगुनाही और एनडीए/बीजेपी की प्रतिशोध की राजनीति बिना किसी संदेह के बाहर हो जाएगी। हालांकि, बीजेपी का कहना है कि शराब घोटाले में केजरीवाल लिप्त हैं। ये कोर्ट में साफ हो गया है। एक जून के बाद उनको जेल जाना ही होगा।

केजरीवाल के जेल से बाहर आने को लेकर सियासी नफा-नुकसान पर सभी के अपने-अपने दावे हैं। एक वरिष्ठ पत्रकार  का कहना है कि  , सीएम केजरीवाल के जेल जाने से आम आदमी पार्टी का चुनाव प्रचार ठंडा पड़ा हुआ था। उन्हें लीडरशिप की जरूरत महसूस हो रही थी। जमानत मिलने और जेल से बाहर आने से चुनाव पर सियासी प्रभाव जरूर पड़ेगा। आम आदमी पार्टी के लोगों के हौसले बुलंद होंगे और कार्यकर्ताओं में उत्साह भरेगा। केजरीवाल के जेल में रहने के चलते उनकी पार्टी प्रचार का माहौल नहीं बना पा रही थी। मगर, अब उनके बाहर से आने से सियासी बज क्रिएट होगा। सीएम केजरीवाल की गैर-मौजूदगी में उनकी पत्नी सुनीता चुनावी कैंपेन संभाल रही थीं। मगर, मीडिया का अट्रैक्शन नहीं मिल पा रहा था। उनके आने से दिल्ली और पंजाब दोनों ही जगह पर प्रचार को धार मिलने के साथ-साथ सियासी लाभ भी मिल सकता है। केजरीवाल सियासी रुख बदलने के माहिर खिलाड़ी हैं। जेल से बाहर आने के बाद जिस तरह आक्रमक प्रचार करेंगे, उससे उनकी पार्टी और इंडिया गठबंधन को लाभ मिल सकेगा। सीएम भगवंत मान पंजाब तक ही अपना असर दिखा सकते हैं। वो दिल्ली की सियासत पर कोई प्रभाव नहीं छोड़ पा रहे थे।

राणा का कहना है कि आगे देखना है कि अरविंद केजरीवाल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के प्रत्याशियों में किसके लिए कितना प्रचार करते हैं, क्योंदि दिल्ली में दोनों ही पार्टियां मिलकर चुनाव मैदान में उतरी हैं। सीएम केजरीवाल अभी तक अदालत में अपनी बेगुनाही के बातें रख रहे थे, लेकिन अब जनता के बीच भी रख सकेंगे। वो जनता की सियासी नब्ज को समझते हैं और उसे मोड़ना उन्हें बाखूबी आता है।

वरिष्ठ पत्रकार युसुफ अंसारी कहते हैं कि केजरीवाल इंडिया गठबंधन का अहम हिस्सा हैं। केजरीवाल देश के उन नेताओं में हैं, जिन्हें बीजेपी के सियासी नैरेटिव को काउंटर करना बाखूबी आता है। बीजेपी और पीएम मोदी जिस तरह से हिंदुत्व की पिच पर खड़ी नजर आ रही है और राममंदिर से लेकर हिंदू-मुसमलान का एजेंडा सेट कर रही है, उसे केजरीवाल बखूबी मोड़ना जानते हैं। केजरीवाल के बाहर आने के बाद पार्टी के उस नैरेटिव को बल मिलेगा कि उन्हें फंसाया गया है।युसुफ अंसारी कहते हैं कि केजरीवाल के बाहर आने से सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि देश में इंडिया गठबंधन के चुनाव प्रचार को धार मिलेगी। गठबंधन के मंच से केजरीवाल बीजेपी और पीएम मोदी पर अब पहले से ज्यादा आक्रमक नजर आ सकते हैं, जो बीजेपी के लिए चिंता का सबब बन सकती है। दिल्ली की सभी 7 सीटें बीजेपी दो चुनाव से लगातार जीत रही है, लेकिन कांग्रेस-AAP गठबंधन के चलते इस बार चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है। अब केजरीवाल के बाहर आने से और भी लाभ मिल सकता है क्योंकि वो साहनुभूति को भी भुनाना बखूबी जानते हैं।

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार और लोक संसद के संयोजक रविशंकर तिवारी कहते हैं कि केजरीवाल के जेल से बाहर आने से दिल्ली की सियासत पर कोई खास सियासी प्रभाव पड़ने वाला नहीं है। केजरीवाल के जेल में रहने से जो साहनुभूति आम आदमी पार्टी को मिलती दिख रही थी, वो अब खत्म हो सकती है। उनके बाहर आने से बीजेपी के हाथ एक बड़ा मुद्दा भी लग गया है, क्योंकि अदालत ने उन्हें बरी नहीं किया बल्कि चुनाव के प्रचार के लिए जमानत दी है। बीजेपी और पीएम मोदी ने चुनाव में भ्रष्टाचार को एक बड़ा मुद्दा बनाया है। केजरीवाल के बाहर आने के बाद विपक्ष के मंच पर प्रचार करने के लिए उतरेंगे तो प्रधानमंत्री और बीजेपी उसे राजनीतिक मुद्दा बना सकती है।वो कहते हैं कि देश में जनता के बीच यह एक छवि बनती जा रही थी कि नेता भ्रष्टाचार करने के बाद भी सुरक्षित रहते हैं। मोदी ने बड़े-बड़े भ्रष्ट नेताओं पर कार्रवाई करके यह छवि तोड़ने का काम किया है। जिस प्रकार प्रधानमंत्री अपने भाषणों में बार-बार यह कह रहे हैं कि भ्रष्ट नेताओं पर कार्रवाई जारी रहेगी, उससे भी सरकार की प्राथमिकता साफ नजर आती है। बिहार में लालू प्रसाद यादव को लगातार सजायाफ्ता बता रहे हैं। उसी तरह केजरीवाल के खिलाफ भी यही चीज इस्तेमाल करते हैं। इतना ही नहीं दिल्ली का सियासी मिजाज देखें को राजधानी के लोग लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की जगह पर बीजेपी को ही पसंद करते , 2014 और 2019 के नतीजे बता रहे हैं। इसीलिए केजरीवाल के बाहर आने से बहुत ज्यादा लाभ मिलने वाला नहीं है बल्कि दांव उल्टा पड़ सकता है।

वरिष्ठ पत्रकार अरुण राघव का भी मानना है कि केजरीवाल के बाहर आने से दिल्ली की सियासत पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को सिर्फ चुनाव के प्रचार के लिए जमानत दी है, जिसका मतलब यह नहीं होता है कि बरी हो गए हैं। दिल्ली में पढ़ी-लिखी जनता है और केजरीवाल इसीलिए सियासी तौर पर सफल रहे हैं कि क्योंकि भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया था और अब उसी जाल में खुद फंस गए हैं। पहले दो विधानसभा चुनावों में केजरीवाल अजेय लग रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे उनके घोटालों की जानकारी लोगों हो रही है, उनसे जनता का मोहभंग हुआ है।वो कहते हैं कि लोकसभा चुनाव को लेकर दिल्ली की जनता अपना मूड बना चुकी है। केजरीवाल के आने से आम आदमी पार्टी के प्रचार को धार मिलेगी, लेकिन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष किस मूंह से जवाब देगा। केजरीवाल को लेकर कांग्रेस में पहले से दो धड़े हैं। हाल में अरविंदर लवली और राजकुमार चौहान जैसे नेता साथ छोड़ चुके हैं। इतना ही नहीं उनकी दलित समुदाय में पकड़ कमजोर हुई है। दलित समुदाय से आने वाले दो विधायकों का मोहभंग हुआ है, जिसमें एक बसपा से चुनाव लड़ रहे हैं। केजरीवाल का जादू दिल्ली में फीका पड़ चुका है।

अशोक भाटिया,

वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ,लेखक,  एवं टिप्पणीकार

वसई पूर्व  – 401208 ( मुंबई )

 फोन/  wats app  9221232130    E mail – vasairoad . yatrisangh@gmail.com

 

कृपया  छपने पर अख़बार की JPG FILE OR PDF FILE  वाट्स एप्प 

नम्बर . 9221232130 पर   भेजने की कृपा करें 


स्वतंत्र पत्रकार – अशोक भाटिया , वसई पूर्व (मुंबई – महाराष्ट )

ASHOK BHATIA
FREE LANCE JOURNALIST
A / 001 , VENTURE APARTMENT ,NEAR REGAL, SEC 6, LINK ROAD , VASANT NAGARI ,

VASAI EAST -401208

( MUMBAI –  MAHARASHTRA )

MOB. 09221232130

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल