शिलचर, 27 जून 2025: स्वास्थ्य और सुरक्षा शिक्षा की दिशा में एक सराहनीय पहल करते हुए केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी श्रीकोणा में दिनांक 26 जून 2025 को ओएनजीसी मेडिकल टीम के सहयोग से “सर्पदंश जागरूकता कार्यक्रम” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विशेष रूप से हाल ही में पीएम श्री केवी हाफलोंग के पीजीटी कंप्यूटर साइंस शिक्षक की सर्पदंश से हुई दुखद मृत्यु की पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को सर्पदंश के खतरे, लक्षणों और प्राथमिक उपचार की जानकारी देना था।

इस अवसर पर ओएनजीसी श्रीकोणा एएएफबी ईए के प्रोडक्शन प्रमुख श्री मोहिंदर वर्मा (सीजीएम), चिकित्सा अधिकारी डॉ. सिद्धार्थ मातिल, जिला मेडिकल कॉलेज सिलचर की मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. शिजी बशीयर, जॉयपुर पीएचसी सिलचर की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवांती गोयला समेत कई गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहे। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री संदीप कुमार शर्मा ने सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की।
ओएनजीसी की अनुभवी मेडिकल टीम ने एक प्रभावशाली और संवादात्मक सत्र का संचालन किया, जिसमें सर्पदंश के प्राथमिक उपचार, विषैले और विषहीन सर्पों की पहचान तथा घर और बाहर सुरक्षा के उपायों पर व्यावहारिक प्रदर्शन के साथ जानकारी दी गई। विद्यार्थियों को सर्पदंश की स्थिति में घबराने के बजाय सतर्कता और त्वरित चिकित्सा सहायता लेने के लिए प्रेरित किया गया।

इसी कड़ी में, अंतर्राष्ट्रीय नशा एवं अवैध तस्करी निरोध दिवस के अवसर पर डॉ. सिद्धार्थ मातिल ने युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने नशे के मनोवैज्ञानिक और सामाजिक दुष्परिणामों को समझाते हुए समय रहते इसके खिलाफ जागरूकता और हस्तक्षेप की आवश्यकता पर बल दिया।
मुख्य अतिथि श्री मोहिंदर वर्मा ने विद्यालय परिवार और ओएनजीसी मेडिकल टीम को इस जागरूकता अभियान के आयोजन के लिए बधाई दी और इसे विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी बताया। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे सदैव सतर्क, जागरूक और उत्तरदायी बनें।
कार्यक्रम का समापन विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री संदीप कुमार शर्मा द्वारा ओएनजीसी के समर्थन और चिकित्सा विशेषज्ञों के प्रयासों के प्रति आभार प्रकट करते हुए किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से हम न केवल वर्तमान बल्कि भविष्य की पीढ़ी को भी सुरक्षित और सशक्त बना सकते हैं।
यह आयोजन इस बात का उत्कृष्ट उदाहरण बना कि कैसे शैक्षणिक संस्थान और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठन मिलकर शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से वास्तविक चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं।





















