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केशव स्मारक समिति’ के तत्वावधान में ‘प्रीतम भट्टाचार्य स्मृति व्याख्यान’ श्रृंखला का 8वां व्याख्यान एवं पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित

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80% समाजशास्त्रीय शोध में देशद्रोही विचारधारा को बढ़ावा – सप्तर्षि बसु
प्रे.स. शिलचर, 9 फरवरी: “क्या आज के विद्यार्थी वास्तव में ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं, या वे केवल परीक्षार्थी बनकर रह गए हैं?” यह प्रश्न कोलकाता के प्रख्यात संघ विचारक और मरीन इंजीनियर श्री सप्तर्षि बसु ने शिलचर में आयोजित एक महत्वपूर्ण व्याख्यान में उठाया। उन्होंने कहा कि देश के 80% समाजशास्त्रीय शोध (सोशियोलॉजिकल रिसर्च) में देशविरोधी विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो हमारे युवाओं को भटकाने का काम कर रही है।
श्री बसु ने जेएनयू और शाहीन बाग का उदाहरण देते हुए कहा कि एक षड्यंत्र के तहत युवा पीढ़ी को राष्ट्रविरोधी ताकतों द्वारा भ्रमित किया जा रहा है। उन्होंने चिंता जताई कि इस तरह के शोध और विचारधारा से देश का क्या भविष्य होगा? “युवा पीढ़ी के मस्तिष्क में देशविरोधी साहित्य भरा जा रहा है, जिससे वे अपनी जड़ों से कटते जा रहे हैं,” उन्होंने कहा।
राष्ट्रीय विचारों पर आधारित स्मृति व्याख्यान
श्री बसु ‘केशव स्मारक समिति’ द्वारा आयोजित ‘प्रीतम भट्टाचार्य स्मृति व्याख्यान’ के 8वें संस्करण में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में 2023-24 के विभिन्न क्षेत्रों में सफल छात्रों को सम्मानित किया गया। आयोजन शिलचर गुरुचरण महाविद्यालय के सभागार में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता केशव स्मारक समिति के सभापति श्री मृदुल कांति धर ने की, जबकि स्वर्गीय प्रीतम भट्टाचार्य के पिता, वरिष्ठ संघ कार्यकर्ता एवं प्रतिष्ठित विद्वान डॉ. शंकर भट्टाचार्य ने राष्ट्र की प्राचीनता पर अपने विचार रखे। उन्होंने शास्त्रों और पुराणों का हवाला देते हुए कहा कि राष्ट्र का गठन मानवता के कल्याण के लिए किया गया था, न कि विभाजन और अस्थिरता के लिए।
राष्ट्रविरोधी नैरेटिव पर गंभीर चर्चा
इस वर्ष के स्मृति व्याख्यान का विषय था ‘राष्ट्रविरोधी नैरेटिव और वर्तमान विश्व स्थिति पर इसका प्रभाव’। इस विषय पर बोलते हुए श्री सप्तर्षि बसु ने कहा कि वामपंथी, माओवादी, जेहादी और तथाकथित सेक्युलर ताकतें देश में अराजकता फैलाने और उसे तोड़ने की कोशिश कर रही हैं।
उन्होंने रूस और फ्रांस की क्रांतियों का उदाहरण देते हुए कहा कि एक वैश्विक शक्ति ऐसी विचारधारा फैला रही है, जिससे पूरी दुनिया पर केवल एक सरकार का नियंत्रण स्थापित किया जा सके। यह एक वैश्विक षड्यंत्र है, जो भारत सहित कई देशों में अस्थिरता उत्पन्न कर रहा है।
उन्होंने स्वर्गीय प्रीतम भट्टाचार्य को एक सच्चा युवा प्रेरणास्रोत बताया, जो गॉड पार्टिकल पर शोध कर रहे थे। इसके विपरीत, उन्होंने आजकल के टैलेंट शो और सतही शिक्षा प्रणाली पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “आज के विद्यार्थी विद्या की अर्थी उठा रहे हैं—वे केवल परीक्षार्थी बन गए हैं, ज्ञान के साधक नहीं।” उन्होंने कहा कि समाज में नैतिक और चारित्रिक गिरावट के कारण विभिन्न राष्ट्र-विरोधी विमर्शों का जन्म हुआ है, जो आज राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक गहरी साजिश बन चुकी है।
उन्होंने बताया कि “मॉडर्न लिबरलिज्म” एवं “लेफ्ट नैरेटिव्स” का उद्देश्य राष्ट्र की संप्रभुता को चुनौती देना एवं “एक विश्व, एक शासन, एक आर्थिक व्यवस्था” स्थापित करना है। इससे कट्टरपंथ को बढ़ावा मिलता है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मध्य-पूर्व से आयातित इस्लामिक आतंकवाद, आतंक का राज (Reign of Terror), एंटी-स्टेट क्रांति, राष्ट्र-विहीन समाज की अवधारणा एवं एक विशेष वैचारिक राज्य की स्थापना जैसी प्रवृत्तियाँ इस विमर्श से जुड़ी हुई हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने राष्ट्र के पक्ष में सकारात्मक विमर्श विकसित करें, जिसमें “राष्ट्र प्रथम” की अवधारणा सर्वोपरि हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस संघर्ष को तलवार से नहीं, बल्कि विचारधारा से लड़ा जाना चाहिए।
श्री बसु के ओजस्वी और तथ्यपूर्ण वक्तव्य के दौरान पूरा सभागार पूरी तरह मौन और गंभीरता से उनकी बातों को सुन रहा था। उनके विचारों ने श्रोताओं के मन में गहरी छाप छोड़ी।

प्रमुख बिंदु: 80% समाजशास्त्रीय शोध में राष्ट्रविरोधी विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है।, युवा पीढ़ी को देशद्रोही ताकतों द्वारा भटकाया जा रहा है।, एक वैश्विक शक्ति दुनिया को एक सरकार के अधीन लाने का षड्यंत्र रच रही है।, स्वर्गीय प्रीतम भट्टाचार्य जैसे शोधकर्ता ही सच्चे युवा प्रेरणास्रोत हैं। तथा वर्तमान शिक्षा प्रणाली युवाओं को केवल परीक्षार्थी बना रही है, ज्ञान के साधक नहीं।

यह कार्यक्रम राष्ट्रवादी विचारधारा, शिक्षा और युवाओं के भविष्य पर एक गंभीर मंथन साबित हुआ, जिसने उपस्थित सभी श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार, दीप प्रज्ज्वलन, अतिथियों के स्वागत एवं उद्घाटन गीत के साथ हुई।

मंचासीन अतिथियों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघ चालक ज्योत्सनामय चक्रवर्ती शामिल थे। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में संघ के वरिष्ठ प्रचारक शशिकांत चौथाईवाले, प्रांत प्रचारक गौरांगो राय, सिलचर के पूर्व विधायक दिलीप कुमार पाल, उधारबंद के विधायक मिहिर कांति सोम, संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता सुभाष चंद्रनाथ, प्रणब पाल चौधरी, अभिजीत नाथ, सुब्रत दास, बिजन देव,अग्नि शेखर देव, शुभ्रजीत कर, गुरुचरण कॉलेज के प्राचार्य विभाष देव एवं प्रोफेसर निरंजन राय, भाजपा नेता कणाद पुरकायस्थ, सपन शुक्लवैद, गोपाल राय, संघ के कार्यालय प्रमुख सुनील कानू आदि शामिल थे। इसके अलावा विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद, छात्र-छात्राएं, अभिभावकगण एवं पत्रकार बंधु सहित लगभग 500 गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर 2023-24 शैक्षणिक सत्र के विभिन्न 6 श्रेणियों के मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की दिशा में प्रेरित किया गया। पुरस्कार विजेताओं में असम विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान की टॉपर शमीम अख्तर लश्कर को प्रीतम भट्टाचार्य स्मृति गोल्ड मेडल व ₹10000 दिए गए। प्रीतम भट्टाचार्य मेधा पुरस्कार टीना सेनगुप्त को प्राप्त हुआ उन्हें ₹6000 नगद पुरस्कार दिया गया। क्षितिज चंद्रपाल स्मृति गोल्ड मेडल 6000/- नगद निवेदिता दास को दिया गया। कमला भट्टाचार्य स्मृति मेधा पुरस्कार नगद ₹5000 दीक्षा दास को दिया गया। विथिका भट्टाचार्य स्मृति मेधा पुरस्कार ₹5000 नगद शीतल तंतोबाई को दिया गया। प्रीतम भट्टाचार्य साइंस टैलेंट अवार्ड 50005000 नगद उमामा मोहीसीना और अध्ययन बनिक को दिया गया।
प्रीतम भट्टाचार्य स्मृति कोष: शिक्षा एवं सेवा में योगदान

स्वर्गीय प्रीतम भट्टाचार्य के पिता शंकर भट्टाचार्य ने अपने संबोधन में बताया कि 2013 में केशव स्मारक समिति के सहयोग से प्रीतम भट्टाचार्य स्मृति कोष की स्थापना की गई थी। इस कोष में अब तक 20 लाख रुपये की निधि संचित की गई है, जिससे मिलने वाले ब्याज से –
आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की शिक्षा, निर्धनों के इलाज तथा जरूरतमंदों की सहायता जैसी सामाजिक सेवाओं को प्रतिवर्ष संपन्न किया जाता है। इसके माध्यम से अब तक लाखों रुपये की सहायता विभिन्न जरूरतमंदों को दी जा चुकी है।

कार्यक्रम के अंत में केशव स्मारक समिति के सचिव सुशांत देव ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित किया, जिसके साथ यह महत्वपूर्ण समारोह सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।

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