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कोलकाता बलात्कार मामले पर अवैध प्रस्ताव को लेकर एससीबीए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आदिश सी अग्रवाला ने कपिल सिब्बल के खिलाफ ‘अविश्वास प्रस्ताव’ लाने की चेतावनी दी

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नई दिल्ली, 27 अगस्त – एससीबीए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आदिश सी अग्रवाला ने मांग की है कि वर्तमान अध्यक्ष कपिल सिब्बल 21 अगस्त, 2024 के ‘प्रस्ताव’ को वापस लें और एससीबीए के प्रत्येक सदस्य से माफ़ी मांगें। ऐसा न करने पर वे एससीबीए में सिब्बल के खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के वर्तमान अध्यक्ष कपिल सिब्बल को लिखे पत्र में डॉ. आदिश सी. अग्रवाला ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुए दुखद बलात्कार और हत्या से संबंधित प्रस्ताव पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
डॉ. अग्रवाला के पत्र में एससीबीए के कथित प्रस्ताव को जारी करने के लिए सिब्बल की आलोचना की गई है, जिसमें इस घटना को “लक्षणात्मक अस्वस्थता” बताया गया है और सुझाव दिया गया है कि ऐसी घटनाएं आम बात हैं।
डॉ. अग्रवाला, जो ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि श्री सिब्बल द्वारा हस्ताक्षरित इस प्रस्ताव को एससीबीए की कार्यकारी समिति द्वारा आधिकारिक रूप से अनुमोदित नहीं किया गया था, जिससे यह अमान्य हो गया। उन्होंने सिब्बल पर घटना की गंभीरता को कम करने के लिए अपने पद का उपयोग करने और संबंधित मामलों में पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए इस तरह के बयान देकर हितों के टकराव को प्रदर्शित करने का आरोप लगाया।
पत्र में मांग की गई है कि सिब्बल प्रस्ताव वापस लें और 72 घंटे के भीतर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगें। ऐसा न करने पर एससीबीए की आम सभा में सिब्बल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।
डॉ. आदिश सी. अग्रवाला ने कपिल सिब्बल को लिखे पत्र में आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले की गंभीरता को कम करने के सिब्बल के प्रयास की आलोचना की है, जो भारत के सर्वोच्च न्यायालय और सीबीआई द्वारा गंभीर जांच के अधीन है।
डॉ. अग्रवाला का तर्क है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश का उल्लेख करके और कथित एससीबीए प्रस्ताव जारी करके, सिब्बल ने न केवल न्यायालय और जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया है, बल्कि एससीबीए अध्यक्ष की भूमिका की विश्वसनीयता और अखंडता को भी नुकसान पहुंचाया है। डॉ. अग्रवाला का तर्क है कि इस कार्रवाई ने चिकित्सा और कानूनी समुदायों को गहरी चोट पहुंचाई है और एससीबीए की प्रतिष्ठा पर भी दाग लगाया है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) की कार्यकारी समिति (ईसी) के 21 में से 11 सदस्यों ने भी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की घटना के संबंध में एससीबीए अध्यक्ष कपिल सिब्बल द्वारा जारी प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त की है। उनका आरोप है कि 21 अगस्त, 2024 के प्रस्ताव पर सिब्बल ने हस्ताक्षर किए थे और कार्यकारी समिति के समक्ष प्रस्तुत किए बिना या उसकी मंजूरी के बिना एससीबीए लेटरहेड पर प्रसारित किया गया था।

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