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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के प्रथम स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित किया और साइबर अपराध की रोकथाम के लिए प्रमुख पहलों की शुरुआत की। कार्यक्रम के दौरान, I4C के चार प्लेटफॉर्म लॉन्च किए गए;साइबर धोखाधड़ी शमन केंद्र (सीएफएमसी);समन्वय प्लेटफॉर्म, साइबर अपराध डेटा संग्रह, साझाकरण, मानचित्रण और विश्लेषण के साथ-साथ कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए समन्वय उपकरण भी है। साइबर कमांडो कार्यक्रम: सरकार ने साइबर सुरक्षा बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों में 5,000 साइबर कमांडो को प्रशिक्षित और तैयार करने की योजना बनाई है। संदिग्ध रजिस्ट्री: यह बैंकों और वित्तीय मध्यस्थों के सहयोग से राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर आधारित पहचानकर्ताओं की एक रजिस्ट्री बनाकर धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन को मजबूत करने की एक पहल है। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की स्थापना 2018 में गृह मंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा प्रभाग के भीतर केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत की गई थी यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEAs) को समन्वित और व्यापक तरीके से साइबर अपराध से निपटने के लिए एक ढांचा और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है।टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल से कई खतरे भी पैदा हो रहे हैं। यही वजह है कि साइबर सुरक्षा अब सिर्फ डिजिटल दुनिया तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का भी अहम पहलू बन गई है।
—- रवि रंजन , 8700146743 , नई दिल्ली
स्वतंत्र लेखक एवं युवा साहित्यकार