सिलचर, 0 1 अक्टूबर 2024 : क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, सिलचर में हिंदी पखवाड़े का समापन समारोह बड़ी धूमधाम से आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जवाहर नवोदय विद्यालय पैलापुल कछार के हिंदी शिक्षक एवं भाषा विशेषज्ञ श्री विकाश कुमार उपाध्याय उपस्थित रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्थान प्रमुख डॉ. मुहम्मद अख़्तर हुसैन जमाली ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। हिंदी भाषा के महत्व और उपयोगिता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में संस्थान के अधिकारियों, कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी की।
समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई, जिसके बाद संस्थान के निदेशक डॉ. मुहम्मद अख़्तर हुसैन जमाली ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने हिंदी पखवाड़े के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार का माध्यम है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और उसे समृद्ध करने का भी एक सशक्त प्रयास है। डॉ. जमाली ने हिंदी को राष्ट्रीय एकता और भाईचारे की भाषा बताया और कहा कि इसे सरकारी कामकाज और रोज़मर्रा के जीवन में अधिकतम उपयोग में लाया जाना चाहिए।
मुख्य अतिथि श्री विकाश कुमार उपाध्याय ने अपने संबोधन में हिंदी भाषा की वर्तमान स्थिति, चुनौतियों और संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा, “हिंदी न केवल हमारी सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है, बल्कि यह एक सशक्त संवाद का माध्यम भी है।” उन्होंने भाषा की बहुआयामी प्रकृति और उसकी वैज्ञानिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी सरल, सहज और समृद्ध भाषा है, जिसका प्रसार तेजी से हो रहा है। उन्होंने सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि प्रत्येक नागरिक को हिंदी के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। इनमें , काव्य पाठ, हिंदी और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं शामिल थीं। पुरस्कार वितरण के बाद मुख्य अतिथि ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि हिंदी भाषा के प्रति उनकी रुचि और समर्पण सराहनीय है। उन्होंने कहा, “भाषा के प्रति प्रेम और रुचि हमारे समाज की प्रगति के लिए आवश्यक है, और ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को हिंदी के महत्व को समझने और उसे आत्मसात करने का अवसर मिलता है।”
इस अवसर पर संस्थान के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी वक्ताओं ने हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करने और इसके प्रयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा का विकास तभी संभव है जब हम इसे अपने दैनिक जीवन में अधिकतम उपयोग करें और अपनी आने वाली पीढ़ी को इसके प्रति जागरूक करें।
कार्यक्रम के अंत में संस्थान के प्रभारी अनुसंधान अधिकारी डॉ. जमाली ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर उन्होंने हिंदी पखवाड़े को सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए सभी की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को जारी रखने का संकल्प लिया।
समारोह के समापन पर राष्ट्रीय गीत “जन गण मन” का गायन किया गया, जिसके बाद सभी ने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के प्रति अपने संकल्प को दोहराया। इस अवसर पर उपस्थित सभी ने हिंदी भाषा के प्रति अपना प्रेम और सम्मान व्यक्त किया और उसे और अधिक समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की। समारोह में संस्थान के अधिकारी, तथा समस्त पुरस्कार विजेता डॉ नजीम हुसैन अनुसंधान अधिकारी, डॉ आमिर मुहम्मद एस आर एफ , डॉ उज्जमा सिद्दीकी (प्रश्नोत्तरी पुरस्कार विजेता) , अजय शील, अमित, हज्जाम, प्याली दास (कविता पाठ) उपस्थिति थे। संस्थान के राज भाषा अधिकारी डॉ अब्दुल्लाह ने समस्त कार्यक्रम का कुशल संयोजन किया ।
संस्थान में हिंदी प्रोत्साहन पुरस्कार भी नगद कु देविका ग्वाला श्रीमती जय शाह चौधरी को हिंदी की रूचि एवं प्रगति में योगदान के लिए प्रदान किया गया
यह हिंदी पखवाड़ा न केवल हिंदी के प्रचार का माध्यम था, बल्कि इसने संस्थान में एक सकारात्मक और उत्साहवर्धक माहौल भी पैदा किया, जहाँ सभी ने भाषा के महत्व को समझा और उसे अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया।