फॉलो करें

क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसन्धान संस्थान, शिलचर द्वारा “यूनानी चिकित्सा में वृद्धजनों की देखभाल” पर राष्ट्रीय वेबिनार सफलतापूर्वक संपन्न

372 Views
प्रे.स. शिलचर, 30 जनवरी: क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसन्धान संसथान (क्षे० यू० चि० अनु० सं०), शिलचर, जो केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसन्धान संस्थान, नई दिल्ली, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत कार्यरत एक प्रमुख संस्थान है, द्वारा ” यूनानी चिकित्सा में वृद्धजनों की देखभाल” विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह वेबिनार 29 जनवरी 2025 को आयोजित हुआ और इसमें देशभर से शोधकर्ताओं, यूनानी चिकित्सकों, शिक्षाविदों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस वेबिनार का मुख्य उद्देश्य वृद्धावस्था में स्वास्थ्य देखभाल के लिए यूनानी चिकित्सा पद्धति की महत्ता को उजागर करना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. एम. अख्तर हुसैन जमाली, शोध अधिकारी इंचार्ज, आरआरआईयूएम, शिलचर के स्वागत भाषण के साथ हुआ। उन्होंने यूनानी चिकित्सा के माध्यम से वृद्धावस्था की चुनौतियों का सामना करने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के साथ जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।
वेबिनार में केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसन्धान संसथान, नई दिल्ली मुख्यालय से डॉ. मुस्तेहसन, अनुसन्धान अधिकारी (यूनानी) ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने क्षे० यू० चि० अनु० सं०, शिलचर द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और वृद्धावस्था स्वास्थ्य देखभाल में यूनानी चिकित्सा के योगदान को और अधिक शोध एवं नीतिगत समर्थन से मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
वेबिनार में विभिन्न विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। डॉ. नाज़िम हुसैन, अनुसन्धान अधिकारी (यूनानी), क्षे० यू० चि० अनु० सं०, सिलचर ने “यूनानी चिकित्सा में वृद्धावस्था देखभाल का एक सिंहावलोकन” विषय पर जानकारी दी। इसके बाद डॉ. अफसहुल कलाम, अनुसन्धान अधिकारी (यूनानी), क्षे० यू० चि० अनु० सं०, श्रीनगर ने “तदाबीर-ए-मशायख” विषय पर अपनी प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने वृद्धावस्था में स्वास्थ्य संवर्धन और जीवन शक्ति बढ़ाने के लिए यूनानी चिकित्सा में उपलब्ध उपायों पर चर्चा की।
डॉ. अब्दुल अलीम, अनुसन्धान अधिकारी (यूनानी), क्षे० यू० चि० अनु० सं०, सिलचर ने “वृद्धावस्था में अनिद्रा और उसका यूनानी चिकित्सा में प्रबंधन” विषय पर व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने प्राकृतिक उपायों और यूनानी दवाओं द्वारा अनिद्रा के प्रबंधन पर प्रकाश डाला।
इसके पश्चात डॉ. फातिमा अंजुम, अनुसन्धान अधिकारी (यूनानी), क्षे० यू० चि० अनु० सं०, सिलचर ने “यूनानी चिकित्सा में मिज़ाज के आधार पर व्यक्तिगत वृद्धजनों की देखभाल” विषय पर प्रस्तुति दी, जिसमें उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति के मिज़ाज के अनुसार अनुकूलित चिकित्सा पद्धतियों की आवश्यकता को रेखांकित किया।
डॉ. बाक़ी बिल्लाह, जूनियर रिसर्च फेलो (यूनानी), क्षे० यू० चि० अनु० सं०, सिलचर ने “पिछले वर्ष के दौरान क्षे० यू० चि० अनु० सं० सिलचर में वृद्ध रोगियों में देखे गए स्वास्थ्य रुझान” विषय पर महत्वपूर्ण विश्लेषण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. एल. श्रीनिवास नायक, अनुसन्धान अधिकारी (बायोकैमिस्ट्री), क्षे० यू० चि० अनु० सं०, सिलचर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजन समिति को वेबिनार को सफल बनाने में उनके अमूल्य योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
यह वेबिनार वृद्धावस्था देखभाल में यूनानी चिकित्सा की महत्ता को रेखांकित करने और इस क्षेत्र में अधिक शोध व सहयोग की आवश्यकता को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ। क्षे० यू० चि० अनु० सं०, सिलचर द्वारा यह आयोजन यूनानी चिकित्सा के प्रचार-प्रसार और वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम रहा।

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल