क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन, गुवाहाटी (05 मार्च, 2025) मेफेयर स्प्रिंग वैली रिसॉर्ट्स, ब्रह्मपुत्र हॉल, गुवाहाटी, असम
जैसा कि आप जानते हैं, भारतीय संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को राजभाषा के रूप में अंगीकार किया गया। संघ की राजभाषा हिंदी है और लिपि देवनागरी है। राजभाषा संबंधी सांविधानिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने और संघ के सरकारी काम-काज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए जून 1975 में राजभाषा विभाग की स्थापना गृह मंत्रालय के एक स्वतंत्र विभाग के रूप में की गई थी।
2. माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की प्रेरणा से जहां एक ओर अमृत काल में देश प्रगति के पथ पर अग्रसर है, वहीं दूसरी ओर राजभाषा हिंदी के विकास एवं प्रयोग में वृद्धि के साथ-साथ भारतीय भाषाओं की समृद्धि से ‘आत्मनिर्भर भारत’ एवं ‘विकसित भारत’ का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
3. बदलते हुए समय की आवश्यकताओं के अनुसार हिंदी को तकनीकी दृष्टि से समृद्ध और व्यापक बनाने के लिए तथा देश की मातृभाषाओं के विस्तार व विकास के लिए राजभाषा विभाग ने अनेक नवोन्मेषी कार्य किए हैं। इनमें वर्ष 2021 से हर वर्ष हिंदी दिवस पर व्यापक स्तर पर ‘अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन’ आयोजित किया जाना तथा डिजिटल शब्दकोश ‘हिंदी शब्द सिंधु’ का निर्माण प्रमुख हैं।
4. राजभाषा विभाग सरकारी काम-काज में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है और इसी क्रम में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में देश के अलग-अलग भागों में चार क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं।
5. राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वारा कल दिनांक 05 मार्च, 2025 को प्रातः 10.00 बजे से मेफेयर स्प्रिंग वैली रिसॉर्ट्स, ब्रह्मपुत्र हॉल, गुवाहाटी, असम में पूर्व और पूर्वोत्तर क्षेत्रों का संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जा रहा है। यह वर्ष 2024-25 का तीसरा आयोजन है। इससे पहले 04 जनवरी, 2025 को मैसूरु, कर्नाटक में इस वर्ष का पहला क्षेत्रीय सम्मेलन तथा 17 फरवरी, 2025 को जयपुर में दूसरा क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।
6. समारोह के मुख्य अतिथि असम के माननीय मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा सरमा होंगे। विशिष्ट अतिथि के रूप में माननीय केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय जी, माननीय संसद सदस्य एवं भारतीय जनता पार्टी, असम राज्य इकाई के अध्यक्ष श्री दिलीप सैकिया जी एवं माननीय संसद सदस्य श्रीमती बिजुली कलिता मेधी जी की उपस्थिति रहेगी। साथ ही, सम्मेलन में राजभाषा विभाग की सचिव सहित बड़ी संख्या में केंद्र सरकार के कार्यालयों/बैंकों/उपक्रमों आदि के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
7. हिंदी के प्रयोग के आधार पर देश को ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है और इन क्षेत्रों में संघ की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन एवं राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए, देश भर में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियां और राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय के अधीन 08 क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय कार्यरत हैं।
8. कल का सम्मेलन पूर्व एवं पूर्वोत्तर क्षेत्रों का संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन होगा। पूर्व क्षेत्र में पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, झारखण्ड, अण्डमान एवं निकोबार शामिल हैं, तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में असम, त्रिपुरा, मिजोरम, नागालैण्ड, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम तथा अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं ।
9. समारोह में मुख्य अतिथि असम के माननीय मुख्यमंत्री जी के कर-कमलों से इन क्षेत्रों में स्थित विभिन्न कार्यालयों, बैंकों एवं उपक्रमों को विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत राजभाषा में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। साथ ही, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों (नराकासों) को नराकास राजभाषा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार विजेताओं को प्रमाण पत्र तथा शील्ड देकर सम्मानित किया जाएगा। कल प्रदान किए जाने वाले पुरस्कारों की कुल संख्या 48 है। इन पुरस्कारों का चयन सूचना प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से प्राप्त तिमाही प्रगति रिपोर्ट के आधार पर किया जाता है। इस अवसर पर राजभाषा विभाग की विभागीय पत्रिका ‘राजभाषा भारती’ के विशेषांक का तथा भारतीय भाषा अनुभाग हेतु बहुभाषी अनुवाद सॉफ्टवेयर ‘कंठस्थ (3.0)’ के अल्फा संस्करण का विमोचन भी किया जाएगा।
10. आप सभी से अनुरोध है कि इस समारोह में अवश्य शामिल हों तथा इस कार्यक्रम का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करने में सहयोग करें।