नई दिल्ली. गरीब रथ ट्रेन में अगले माह में सफर करने के लिए रिजर्वेशन कराते समय यात्रियों को एसी चेयरकार और सेंकेड एसी का विकल्प नहीं मिले तो चौंकिएगा नहीं. भारतीय रेलवे गरीब रथ के कोचों में बदलाव करने जा रहा है. रेलवे मंत्रालय के अनुसार मौजूदा 26 गरीब रथ ट्रेनों का संचालन हो रहा है, जो करीब 52 रूटों को कवर कर रही हैं. इनमें कुछ साप्ताहिक, कुछ सप्ताह में दो, तीन और चार बार चलती हैं. इन ट्रेनों का किराया सामान्य ट्रेनों के थर्ड एसी और चेयरकार की तुलना में कम होता है. इकोनॉमी एसी थर्ड के किराए से गरीब रथ के कोचों का किराया करीब 8 से 10 फीसदी कम रखे जाने की संभावना है.
ये ट्रेनें पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में शुरू की गयी थीं. इनके पुराने कोचों को एलएचबी कोच में बदलने का निर्णय लिया गया है, जो नए डिजाइन वाले इकोनॉमी एसी कोच से बदले जाएंगे. एसी इकोनॉमी कोचों का प्रोडक्शन कपूरथला में रेल कोच फैक्ट्री, चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, रायबरेली में मॉडर्न कोच फैक्ट्री में किया जा रहा है.
रेल मंत्रालय के अनुसार गरीब रथ के कोच करीब 18 साल पुराने हो चुके हैं. इनकी शुरुआत 2006 में हुई थी. यात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर तब से लेकर अब तक कोचों में काफी बदलाव आ चुका है, लेकिन इन ट्रेनों में सफर कर रहे यात्रियों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. इस वजह से इन्हें अपग्रेड करने का फैसला लिया गया है. रेल मंत्रालय के अनुसार पुराने कोचों में सेकेंड एसी, थर्ड एसी और चेयरकार शामिल हैं. नई गरीब रथ में केवल थर्ड एसी के कोच होंगे. यानी सेकेंड एसी और चेयरकार नहीं होंगी. चूंकि बुकिंग 120 दिन पहले शुरू होती है, इसलिए संभावना है कि अगले माह से गरीब रथ में सेकेंड एसी और चेयरकार की बुकिंग बंद कर दी जाएगी. चूंकि इस बदलाव के लिए काफी संख्या में कोचों की जरूरत होगी, इसलिए धीरे-धीरे करके सेकेंड एसी और चेयरकार का विकल्प बंद किया जाएगा.
एसी इकोनॉमी में 81 सीटें होंगी, जबकि पुराने कोचों में 72 बर्थ होती थीं. बर्थ में फायर प्रूफ मैटेरियल का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा इनमें बोतल टांगने के लिए हैंडल, फोल्डेबल स्नैक टेबल, आधुनिक शौचालय और रीडिंग लाइट के साथ-साथ सभी बर्थों में यूएसबी चार्जिंग प्वाइंट लगेंगे