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गांवबूढ़ा का नाम अब ग्राम प्रधान होगा- पीयूष हजारिका

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गुवाहाटी, 08 जुलाई (हि.स.)। असम सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री पीयूष हजारिका ने गुरुवार को राज्य सरकार के मंत्री समूह द्वारा लिये गये फैसलों पर प्रकाश डालते हुए राज्य सरकार की मंशा व्यक्त की। उन्होंने आज एक संवाददाता सम्मेलन में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने कहा कि अब से असम के गांवबूढ़ा (सरकार द्वारा नियुक्त) का नामकरण ग्राम प्रधान के रूप में किया गया है। ग्राम प्रधान इस पद पर 30 वर्ष की आयु से लेकर अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक बने रह सकेंगे।
साथ ही भूमिहीन या सरकारी आवंटित भूमि में रहने वाले स्थानीय लोगों की यदि तूफान, बाढ़ आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं में उनका निवास क्षतिग्रस्त हो जाता है तो उन्हें सरकारी तौर पर पुनर्वास के लिए सहायता प्रदान किया जाएगा। लेकिन इसके लिए यह जांच की जाएगी कि वे लोग असली लाभार्थी हैं या अतिक्रमणकारी हैं।
सिपाझार में मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा की सलाह पर विधायक पद्म हजारिका के नेतृत्व में कृषि के लिए प्रदान की गई 77,000 बीघा जमीन के पास स्थित ढललपुर शिव मंदिर के महत्वपूर्ण चित्रों व मूर्तियों को संरक्षित करने के लिए मंदिर प्रबंधन को 180 बीघा जमीन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
कैबिनेट ने 2003 में कोकराझार, चिरांग, बाक्सा और उदालगुड़ी जिलों को संविधान की छठी अनुसूचि के ट्राइबल बेल्ट में शामिल है, इन इलाकों में निवास करने वाले गोर्खा समुदाय को प्रोटेक्टेड क्लास के तहत शामिल करने का मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है। वहीं सदिया आदिवासी बेल्ट में स्थायी रूप से रह रहे मोरान, मटक, आहोम, सुतिया और गोर्खा समुदायों को लिस्ट आफ प्रोटेक्टेड क्लास व पर्सन के रूप में शामिल करने का कैबिनेट ने निर्णय लिया है।
अन्य निर्णय में बेरोजगार युवाओं की सुविधा के लिए हर कोई भर्ती कार्यालय केंद्र (रोजगार कार्यालय) में जाए बिना अब से ऑनलाइन अपना नाम दर्ज करा सकता है। कैबिनेट ने आगामी विधानसभा सत्र में श्री अनिरुद्ध देव खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के नियमों को पेश करने का फैसला किया है।
एक प्रमुख प्रशासनिक सुधार के रूप में पेंशन एवं लोक शिकायत विभाग और प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण विभाग को एक साथ करने का निर्णय लिया गया। अब से छठी अनुसूची वाले क्षेत्रों के अलावा सिंचाई विभाग के सिविल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल विभागों को एक साथ जोड़ने का निर्णय लेने के साथ ही मंडल समूह विधानसभा क्षेत्रवार होंगे। इसके चलते परियोजनाएं कम समय में पूरी होंगी जिससे किसानों को फायदा होगा।
असम गोरक्षा कानून को जल्द लागू करने के लिए विधानसभा में विधेयक पेश करने के लिए कैबिनेट की बैठक में अहम निर्णय लिया गया। राज्य के सीमावर्ती इलाकों में दूसरे राज्यों से आए उपद्रवियों द्वारा अप्रिय घटनाओं को अंजाम देते हुए असम के अधिकारियों के खिलाफ अपने ही राज्य में केस दर्ज कराते हैं तो असम सरकार असम के अधिकारियों और कर्मचारियों पर कोर्ट खर्च का वहन करने का फैसला किया है।

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