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गीतः
प्रीत की बारिश
प्रीत की बारिश जब भी बरसे, मन की बगिया हँसने लग जाए
सुगंधित हो जाए हर कोना, खुशियों की गूंज हवाओं में आए
हर पत्ता झूमे रुनझुन रुनझुन, बूँदै गाएँ प्रेम का गीत
मोर नाचे रे सावन में, भीग जाए मन, हो जाए प्रीत
चूमें चंदन सी ठंडी बयार, छू जाए दिल की दीवारें
सपनों में रंग भर जाए, चुपके से कोई पुकारे
जीवन हो जाए प्यारा-प्यारा, दर्द भी लगे कोई मीठा अफ़साना
हर धड़कन बोले धीमे स्वर में, “तू है तो मैं हूँ दीवाना…”
चलें साथ इस भीगी राहों में, जहाँ न हो कोई दूरी
प्रीत की बारिश फिर से बरसे, बना दे हर पल को सिंदूरी
Name :- Deepali Singh
Class: B.com 2nd sem
College name: First grade college KR Puram Bangaluru.





















