गुरुचरण विश्वविद्यालय में 134वां देशप्रेमी दिवस श्रद्धा व गरिमा के साथ सम्पन्नशिलचर, 13 अगस्त — गुरुचरण विश्वविद्यालय में बुधवार को 134वां देशप्रेमी दिवस बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया। विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में कुलपति प्रो. निरंजन राय, कुलसचिव डॉ. विद्युतकांति पाल, शैक्षिक कुलसचिव डॉ. अभिजीत नाथ, परीक्षा नियंत्रक डॉ. एल. जॉयचंद्र सिंह तथा मुख्य अतिथि के रूप में साहित्य अकादमी मणिपुरी भाषा सलाहकार परिषद के सदस्य डॉ. के. नयनचंद सिंह उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों को पारंपरिक मणिपुरी गमछा पहनाकर स्वागत से हुई। दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात वीर शहीद टिकेंद्रजीत की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। रसायन विभाग की छात्रा वैभवी सिन्हा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर माहौल को भावपूर्ण बना दिया।
मणिपुरी विभाग की प्रमुख डॉ. अंजू देवी ने स्वागत भाषण में देशप्रेमी दिवस का महत्व स्पष्ट किया। परीक्षा नियंत्रक डॉ. जॉयचंद्र सिंह ने वर्ष 1899 में ब्रिटिश आक्रमण, मणिपुर के वीर सेनानियों की देशभक्ति और शौर्य गाथा का वर्णन किया। कुलसचिव व शैक्षिक कुलसचिव ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।
मुख्य अतिथि डॉ. नयनचंद सिंह ने अपने संबोधन में शहीद टिकेंद्रजीत व उनके साथियों को अन्यायपूर्ण न्याय व्यवस्था के तहत मृत्युदंड दिए जाने की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विस्तृत प्रकाश डाला और छात्रों से इस विषय पर शोध कार्य करने का आह्वान किया।
कुलपति प्रो. निरंजन राय ने कहा कि ब्रिटिश शासक भारत के विभिन्न हिस्सों पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे, जिसे टिकेंद्रजीत जैसे वीर योद्धाओं ने अपने प्राणों की आहुति देकर विफल किया। उन्होंने छात्रों को विकसित भारत के निर्माण हेतु कार्य करने की प्रेरणा दी।
अंत में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुआ जिसमें सनामणि सिन्हा और वैभवी सिन्हा ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए तथा नृत्य प्रदर्शन किया निधि सिन्हा ने। धन्यवाद ज्ञापन अतिथि प्राध्यापक कृष्णमोहन सिंह ने किया। समूचे कार्यक्रम का आयोजन गुरुचरण विश्वविद्यालय के मणिपुरी विभाग द्वारा किया गया।





















