नई दिल्ली. केन्द्र में मोदी सरकार की अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों के लिए एक कदम उठाया है. केंद्र ने पूर्व अग्निवीरों के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में कांस्टेबलों के 10 प्रतिशत पद आरक्षित किए हैं. सरकार केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) मुख्यालय की शारीरिक दक्षता परीक्षा में भी छूट देगी. सीआईएसएफ की महानिदेशक नीना सिंह ने बताया कि सीआईएसएफ ने इस संबंध में सभी तैयारियां भी कर ली हैं.
14 जून 2022 को घोषित अग्निपथ योजना में साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं को केवल चार वर्षों के लिए भर्ती करने का प्रावधान है. जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों के लिए बनाए रखने का प्रावधान है. सरकार ने उस वर्ष बाद में ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी. हाल ही में संपन्न संसद सत्र में विपक्ष द्वारा सरकार को घेरने के बीच अग्निपथ योजना पर विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के दावों का खंडन करते हुए कहा कि इसे 158 संगठनों से सुझाव लेने के बाद शुरू किया गया था. श्री सिंह जिन्होंने उस समय हस्तक्षेप किया जब राहुल गांधी, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे, ने यह भी कहा कि कर्तव्य के दौरान अपनी जान देने वाले अग्निवीर को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मिलता है. केंद्रीय मंत्री ने गांधी से संसद को गुमराह न करने को कहा और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अग्निपथ योजना पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के दावों को खारिज करने का भी अनुरोध किया. सैन्य भर्ती योजना का जिक्र करते हुएए गांधी ने दावा किया कि सरकार अग्निवीरों को इस्तेमाल करो और फेंक दो मजदूर मानती है और उन्हें शहीद का दर्जा भी नहीं देती है.