जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति ने बालेश्वर लाल की पुण्यतिथि पर विचार गोष्ठी को किया संबोधित
गड़वार,बलिया, 27 मई। संवाद से ही समाज की संरचना प्रारंभ होती है और जब संवाद सकारात्मक दिशा में हो, तो उसका परिणाम भी उतना ही कल्याणकारी होता है। यह बात जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्त ने कही। वे मंगलवार को ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के संस्थापक स्व. बालेश्वर लाल की 38वीं पुण्यतिथि पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण पत्रकारों का बाजारीकरण से कोई लेना-देना नहीं है। वे गांव की समस्याओं को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। “ग्रामीण पत्रकार अपने अनुभव और संवेदनशीलता के साथ खबरों को देखते हैं, जबकि महानगरों में बैठकर पत्रकार केवल विश्लेषण करते हैं,” उन्होंने कहा।
प्रो. गुप्त ने लोककल्याण को पत्रकारिता का मूल उद्देश्य बताते हुए कहा कि यदि पत्रकारों के भीतर जनहित की भावना होगी, तो वे इस पेशे की आत्मा को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे। उन्होंने देवर्षि नारद को आदिकालीन पत्रकार बताते हुए कहा कि उनके कार्यों के परिणाम हमेशा कल्याणकारी रहे हैं।
सोशल मीडिया की भूमिका पर चेताते हुए कुलपति ने कहा, “सोशल मीडिया आपको सोचने का मौका नहीं देता, बल्कि आपके मस्तिष्क को भ्रमित करता है। यह पत्रकारिता का एक खतरनाक रूप है।” उन्होंने कहा कि तकनीक को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन उसका दिशा निर्धारण ग्रामीण पत्रकारों के हाथ में है।
कार्यक्रम की शुरुआत में स्व. बालेश्वर लाल की प्रतिमा पर कुलपति प्रो. गुप्त, सीएमओ डॉ. संजीव वर्मन और भाजपा जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। आगंतुकों का स्वागत पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सौरभ कुमार ने किया।
इस अवसर पर एक दर्जन पत्रकारों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वीरभद्र प्रताप सिंह ने की, जबकि संचालन छोटेलाल चौधरी ने किया।
जिलाध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रोशन जायसवाल, डॉ. विनय सिंह, कृष्णमुरारी पांडेय, बसंत पांडेय, सेनानी रामविचार पांडेय, कामरेड जनार्दन सिंह, नरेन्द्र यादव, नथुनी सिंह, नवीन कुमार गुप्त, मंजय सिंह, श्यामप्रकाश शर्मा, गुप्तेश्वर पाठक, रंजीत राय, प्रेमचंद्र शर्मा, अनिल सिंह आदि गणमान्य उपस्थित रहे।





















