घुंघुर बाईपास चौराहे पर शहीद क्रांतिकारी मंगल पांडेय की मूर्ति स्थापित करने के लिए सभा आयोजित
रिटायर्ड शिक्षा अधिकारी जवाहरलाल राय की अध्यक्षता में घुंघुर दुर्गा मंडप में अमर शहीद मंगल पांडेय मूर्ति स्थापना समिति की एक सभा आज आयोजित की गई। सभा में घुंघुर में निर्माणाधीन चौराहे पर 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के अमर शहीद क्रांतिकारी मंगल पांडेय की मूर्ति स्थापित करने के बारे में विचार विमर्श किया गया। पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता विश्व प्रवासी संघ के असम के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने सभा में बताया कि पिछले 2-3 वर्षों से इस स्थान पर शहीद मंगल पांडे की मूर्ति बैठाने के बारे में आपस में विचार-विमर्श चल रहा है। सभा अध्यक्ष जवाहरलाल राय जी ने बताया कि शहीद मंगल पांडेय स्वाधीनता आंदोलन के प्रथम क्रांतिकारी थे जिन्होंने बगावत का बिगुल बजाया और अंग्रेजों ने उन्हें फांसी पर लटका दिया। अन्य वक्ताओं में सच्चिदानंद सोनार, रंजन सिंह नरेश कुमार बरेठा तथा चंद्रजीत नोनिया आदि ने प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि शहीद मंगल पांडे की मूर्ति स्थापित किए जाने से बराक वासियों को बहुत प्रेरणा मिलेगी। शहीद मंगल पांडेय के बारे में लोग जानेंगे तो उनके अंदर देशभक्ति का भाव उत्पन्न होगा।
आर ई नर्सिंग होम के प्रमुख डॉ रंजन सिंह, स्थानीय जिला परिषद सदस्य मानव सिंह तथा जिला परिषद के चेयरमैन अमिताभ राय सहित कई विशिष्ट और प्रभावशाली व्यक्तियों ने शहीद मंगल पांडेय की मूर्ति लगाने में अपना सक्रिय सहयोग देने का वचन दिया हैं।
मंचासीन अतिथियों कंचन नुनिया, राजेंद्र पांडेय, राम सिहासन चौहान, रामनारायण नुनिया श्रीराम नुनिया, किशोर नुनिया, अशोक ग्वाला आदि ने शहीद मंगल पांडेय की मूर्ति स्थापना के प्रस्ताव पर प्रसन्नता जाहिर की और प्रस्ताव का समर्थन किया। सभा में निर्णय लिया गया कि 28 अक्टूबर को पीडब्ल्यूडी, जिलाधिकारी काछाड़, असम के मुख्यमंत्री, भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्री तथा शिलचर के सांसद को इस संदर्भ में पत्र भेजा जाएगा। आगामी रविवार को 11:00 बजे घुंघुर दुर्गा मंडप में समिति के पुनर्गठन के लिए साधारण सभा का आयोजन किया जाएगा। आगामी रविवार को बैठक आयोजित करने के लिए एक गांव से एक संयोजक लेकर 11 सदस्यों का एक संयोजक मंडल गठित किया गया।
सभा में उपस्थित अन्य प्रमुख व्यक्तियों में प्रभुनाथ सोनार, पृथ्वीराज ग्वाला, अजय नुनिया, सत्राजीत कुर्मी, कल्याण हजाम, जवाहरलाल पांडेय, रितेश नुनिया, शिवकुमार, सुरज नुनिया तथा रामनाथ नुनिया आदि शामिल थे।