खैरुल आलम मजूमदार, बड़यात्रापुर, 6 अक्टूबर:
काछार जिले के सीमांत क्षेत्र में स्थित चबाही मकतब के छात्रों की शैक्षणिक प्रतिभा को पहचानने और उनके सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से अजफर फाउंडेशन द्वारा “मौलाना मुहम्मद अली मेमोरियल इस्लामिक एजुकेशन टेस्ट-2025” का सफल आयोजन किया गया। इस परीक्षा में सफल प्रतिभागियों के लिए रविवार को चांदपुर पंचम खंड स्थित दारुल उलूम शेख मुहम्मद अली मदरसा परिसर में भव्य पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में विभिन्न इलाकों से आए मेधावी छात्र अपने अभिभावकों के साथ उपस्थित हुए। मुख्य अतिथि के रूप में बदरपुर एनसी कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के प्रोफेसर नाजिम उद्दीन खादेम उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मदरसा कमेटी के अध्यक्ष हबीबुर रहमान लस्कर ने की।
इस अवसर पर अजफर फाउंडेशन के मुख्य सलाहकार ए.एफ. जकारिया लस्कर, अध्यक्ष मौलाना हबीब अली अंसारी, महासचिव मौलाना यूनुस कौसर लस्कर, सलाहकार फजीर अहमद राजबरभुइया, शालछपरा ब्लॉक के पूर्व क्षेत्रीय पंचायत अध्यक्ष जमाल उद्दीन लस्कर, चबाही मकतब के इंस्पेक्टर हाफिज मौलाना अताउर रहमान लस्कर, तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
मौलाना यूनुस कौसर लस्कर ने कहा कि इस प्रतियोगिता परीक्षा का उद्देश्य ग्रामीण और सीमांत क्षेत्रों के छात्रों में चबाही मकतब शिक्षा के प्रति रुचि और प्रतिस्पर्धात्मक भावना विकसित करना है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चबाही मकतब के इमामों का न्यूनतम मासिक वेतन पंद्रह हजार टका होना चाहिए, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त होकर बेहतर शिक्षण कार्य कर सकें।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर नाजिम उद्दीन खादेम ने अपने संबोधन में कहा कि मौलाना मुहम्मद अली लस्कर मानवता के सच्चे सेवक थे। उन्होंने कहा, “मदरसे और मकतब न केवल धार्मिक शिक्षा देते हैं बल्कि इंसानियत, नैतिकता और शांतिपूर्ण जीवन के मूल्य भी सिखाते हैं।” उन्होंने छात्रों को विभिन्न विद्वानों की जीवनियां पढ़ने और कुरान में निहित वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समझने की सलाह दी।
पुरस्कार वितरण में प्रथम स्थान धुमकर सहाबी मकतब के सलमान अहमद बरभुइया को मिला, जिन्हें पाँच हज़ार टका और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। द्वितीय स्थान मॉडर्न पब्लिक स्कूल के मकसूद आलम बरभुइया ने प्राप्त किया, जिन्हें दो हज़ार टका और प्रमाण पत्र दिया गया। तृतीय स्थान उत्तर बुरीबैल ओल्ड सहाबी मकतब के अहमद मुस्तफ़िज़ बरभुइया ने हासिल किया, जिन्हें एक हज़ार पाँच सौ टका और प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। अन्य प्रतिभागियों को पदक और प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत कुरान की तिलावत से हुई, जिसे अनवर हुसैन ने प्रस्तुत किया। इसके बाद महफूज़ अहमद ने तकबीर पढ़ी और अली अहमद ने ग़ज़ल पेश कर समा बांधा।
भव्य समारोह में पूरे वातावरण में उत्साह और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम देखने को मिला।





















