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प्रेरणा प्रतिवेदन शिलचर, 2 दिसंबर 2024: सनातनी एक्य मंच, असम की ओर से कल आयोजित ऐतिहासिक “चलो बांग्लादेश” आंदोलन की अभूतपूर्व सफलता पर सभी सनातनी समुदाय के लोगों, विभिन्न संगठनों, क्लबों, समितियों और पूजा कमेटियों का हृदय से धन्यवाद प्रकट किया गया है। इस आंदोलन में लगभग 60,000 सनातनी लोगों ने स्वस्फूर्त रूप से भाग लेकर एक ऐतिहासिक क्षण का निर्माण किया। यह आंदोलन धार्मिक अधिकारों, मानवाधिकारों और न्याय के समर्थन में एक सशक्त कदम साबित हुआ।यह आंदोलन मुख्य रूप से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचार, मंदिरों पर हमले, मानवाधिकार हनन और धार्मिक उत्पीड़न के विरोध में आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों को रोकना और वहां के हिंदू समुदाय की सुरक्षा व उनके अधिकार सुनिश्चित करना था। इस विशाल जनसमूह ने यह संदेश दिया कि हिंदू समुदाय अपने धर्म और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए संगठित होकर खड़ा है।हालांकि, यह अत्यंत खेद का विषय है कि कुछ सुरक्षा बलों के सदस्यों ने आंदोलन को बाधित करने और इसे हिंसक दिशा में मोड़ने का प्रयास किया। उनके अनुचित आचरण और हिंसा ने आंदोलन के शांतिपूर्ण स्वरूप को क्षति पहुंचाई। हम इस कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और प्रशासन से अपील करते हैं कि ऐसे मामलों की जांच की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।
आंदोलन के दौरान घायल हुए रंजू दास के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करते हैं। मंच की ओर से अस्पताल प्रशासन से संपर्क कर उनके इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है। उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।आंदोलन का महत्व और आगे की रणनीति:”चलो बांग्लादेश” आंदोलन ने यह साबित कर दिया कि जब सनातनी समुदाय एकजुट होता है, तो वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है। हमारा संघर्ष यहीं समाप्त नहीं होता। यह आंदोलन केवल एक शुरुआत है। जब तक बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा और उनके अधिकार सुनिश्चित नहीं हो जाते, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।हम सभी सनातनी लोगों, संगठनों और समर्थकों से आग्रह करते हैं कि वे इसी तरह एकजुट रहें और भविष्य में भी धर्म और न्याय के लिए संगठित होकर खड़े हों।