दुमदुमा प्रेरणा भारती 7मई : हजार हजार बीघा चाय बागान के भूमि को ऑल इंडिया द्वारा चाय के पौधे को उखाड़ने के कार्य के विषय पर समग्र चाय जन गोष्ठी के लिए अहितकर बताते हुए असम चाय जनजाति कल्याण समिति ने चाय जन गोष्ठी लोगों के जीविका के लिए चिंता का विषय बताया ।चाय जन गोष्ठी के बृहद हितों के लिए चाय बागान की उच्छेद कार्यों को समिति ने तीव्र निंदा करते हुए पर विरोध जताया है। समिति द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया कि चाय बागान के अस्तित्व रहने पर ही चाय जन गोष्ठी के सर्वांगीण विकास संभव है ।आयल इंडिया द्वारा चाय भूमि दखल किए जाने के बाद चाय जन गोष्ठी लोगों के लिए आज तक कोई सुविधा नहीं प्रदान किया है।
मालूम हो कि गत 3 मई को तिनसुकिया जिला के दुमदुमा अंचल में ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) तेल खनन कार्य के लिए चाय बागानों के उच्छेद कार्य के विरूद्ध में कई संगठन व चाय श्रमिकों ने तीव्र विरोध तथा चाय बागान के पौधे को उखाड़ने के कार्य में बाधा भी दिया था । समिति ने बताया है कि इस बीच आयल पक्ष द्वारा विभिन्न पक्षों को मैनेज करने की प्रक्रिया आरंभ की भनक मिला है ।
दुमदुमा विधानसभा क्षेत्र के विधायक रूपेश ग्वाला स्वयं चाय मजदूर संघ के साधारण सचिव होने के बावजूद भी इस विषय पर नीरव भूमिका लिए जाने पर समिति ने घोर आश्चर्य व्यक्त किया है। असम चाय मजदूर संघ के साधारण सचिव के पद पर रहने के बाद भी रूपेश ग्वाला की इस विषय पर चुप्पी पर समिति ने रहस्य जनक बताया। समिति ने चाय मालिक पक्ष और श्रमिक पक्ष दोनों पक्ष से कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए इस बार ऑल इंडिया और चाय श्रमिक पक्ष के बीच मैनेज की प्रक्रिया में शामिल होकर परोक्ष रूप से चाय बागान को उच्छेद कार्य में क्या समर्थन दे रही है ? इस विषय पर साधारण चाय श्रमिकों एवं संगठनों का प्रश्न बना हुआ है। चाय जनजाति कल्याण समिति असम ने ऑल इंडिया और सरकार प्रशासन को चाय बागान उच्छेद कार्य को बंद करने की चेतावनी दी है अन्यथा चाय बागान उच्छेद कार्य से उत्पन्न किसी परिस्थिति के लिए ऑल इंडिया और सरकार जिम्मेवार होगी।