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दुष्कर्म मामले में नाबालिग और उसके परिवार के सदस्यों की तस्वीरें प्रकाशित नहीं की जा सकतीं देश के सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी थी। पर कुछ डिजिटल मिडिया पोर्टल अपने चैनल की टी आर पी के लिए अदालत के आदेश को ठेंगा दिखा रहे है।
आरोप है कि राताबाड़ी के मांगुराछोडा चाय बागान में रंजीत गड़री नाम के युवक ने अपनी पडोस की रबिदास समुदाय की एक महिला के घर में घुसकर उसकी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने का प्रयास किया।
घटना 12 सितंबर की है। घटना के बाद नाबालिग की मां ने निबिया पुलिस चौकी में प्राथमिकि दर्ज करायी । लेकिन घटना के एक हफ्ते बाद भी पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। रबिदास उन्नयन संस्था ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
12 सितंबर को रंजीत ने घर में अकेलेपन का फायदा उठाकर रबिदास समुदाय की नाबालिग लड़की को जबरन अपना हवस का शिकार बनाना चाहा। लड़की ने विरोध किया तो उसने लड़की की शरीर के कपड़े फाड़ दिया। यहां तक कि उसने गला घोंटकर उसकी हत्या करने की भी कोशिश की। पर लड़की जब चीखने चिल्लाने लगी तब आरोपी रंजीत आसपास के लोगों के इकठ्ठा होने के डर से भाग गया। इस सन्दर्भ में लड़की की मां ने पुलिस मे केस दर्ज किया लेकिन उसे न्याय नहीं मिला। जिसके चलते रबिदास उन्नयन संस्था ने करीमगंज के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर आरोपी को गिरफ्तार करने की गुहार लगाई। इसके अलावा, बीटीएन नामक एक पोर्टल ने नाबालिग लड़की की मां की तस्वीर और सभी पहचान प्रकाशित कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की। नाबालिग के साथ घटित दुष्कर्म की घटना और लड़की की पहचान तथा उसकी मां की बयान और वीडियो अपने टी आर पी के लिए उस पोर्टल द्वारा जगजाहिर करने से पीड़ित परिवार सदमे मे है। जिस वजह से रबिदास उन्नयन संस्था ने करीमगंज के पुलिस अधीक्षक से उस पोर्टल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मांग कर एक ज्ञापन दिया है। ज्ञापन की कॉपी करीमगंज के सांसद कृपानाथ मल्लाह, राताबाडी के विधायक विजय मालाकार और पाथरकांडी के विधायक कृष्णेंदु पाल को भी सौंपी गई है। करीमगंज जिला रबिदास उन्नयन संस्था के अध्यक्ष गोपाल रबिदास और सचिव रोहन रबिदास ने चेतावनी दी है कि अगर न्याय नहीं मिला तो वे बराक घाटी में एक बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होगें।